रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गाय और इंसान के बीच का अटूट रिश्ता सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रहा है। पंडरी कपड़ा मार्केट में एक शोरूम के मालिक पद्म डाकलिया के यहां रोजाना एक गाय आती है। गाय खुद ही शोरूम का दरवाजा खोलती है। बड़े आराम से अंदर आती है, दुकान मालिक को एक नजर ढूंढती है और फिर गद्दे के ऊपर चढ़कर बैठ जाती है। गाय घंटों तक गद्दे पर आराम फरमाती है। शोरूम का मालिक गाय को दुलारते हैं। इस गाय को लोग चंद्रमणि के नाम से पुकारते हैं। गौमाता के प्रति स्नेह और करुणा का भाव शायद ही कहीं देखने को मिले।
शॉप के मालिक पद्म डाकलिया ने बताया कि 2016 में धनतेरस के दिन गाय चंद्रमणि दुकान के अंदर घुस गई। वर्कर उसे भगाने लगे, तब मैंने इसे ईश्वर का शुभ संकेत मानते हुए ऐसा करने से मना किया। गाय को प्रसाद खिलाया। पूजा करा रहे पंडित जी ने इसी दौरान पंचांग देखकर बताया कि गाय ने अति शुभकारी चंद्रयोग में शोरूम में प्रवेश किया है। तब पत्नी सपना डाकलिया ने गाय का नाम चंद्रमणि रख दिया। चंद्रमणि रोज दोपहर शॉप के अंदर आकर बैठ जाती है। पदम डाकलिया ने बताया कि कभी-कभी कपड़े खरीदने आए ग्राहक यह नजारा देखते आश्चर्यचकित हो जाते हैं, लेकिन लोग अब उसे जानने और पहचानने लगे हैं। कई ग्राहक गाय को इस तरह गद्दे पर बैठा देख सेल्फी भी लेते हैं।

मार्केट में एपल गाय के नाम से फेमस है चंद्रमणि
गाय को पद्म डाकलिया बीते कई सालों से रोज अपने हाथों से एपल खिलाते आ रहे हैं। इसे देखकर आसपास के व्यापारी चंद्रमणि को एपल गाय के नाम से जानते हैं। वे भी इसे सेब खिलाते रहते हैं। उनका कहना है कि यह संबंध एक मां और बेटे के समान बना हुआ है। व्यापारी पद्म ने बताया की खैरागढ़ में उनका मनोहर गौशाला नाम का एक ट्रस्ट भी है, जो गायों की सेवा करता है। यहां से बीते सालों में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गौ से बने प्रोडक्ट भेजे गए हैं। यहां गायों के लिए मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध है।
हर दिन आशीर्वाद देने शोरुम आती है गौमाता
गाय और शोरूम मालिक के बीच इस प्रेम-स्नेह के अटूट रिश्ते की चर्चा सुनकर प्रदेश के कोने-कोने से लोग गाय को देखने रायपुर पहुंच रहे हैं। हर कोई अपनी आंखों से इस प्रेम के रिश्ते को देखना चाहता है। अपने मोबाइल में कैद करना चाहता है। कपड़ा शोरूम के मालिक अखिल जैन पद्म डाकलिया गाय को प्यार से ‘चंद्रमणि’ कहकर पुकारते हैं। यहां तक की चंद्रमणि उनके घर भी पहुंच जाती है। इस दौरान उनकी पूरी फैमिली चंद्रमणि को प्यार-दुलार देते हैं। उसे प्यार से सहलाते हैं। गाय को प्रसाद के रूप में रोज 5 से 6 किलो सेब खिलाते हैं। पद्म डाकलिया बताते हैं कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए भारत में गाय को गौमाता भी कहते हैं। गौमाता हर दिन मुझे आशीर्वाद देने शोरुम आती है। गौमाता मुझे अपने पुत्र के सामान स्नेह करती है। गोमाता हमारे साथ भोजन भी करती हैं।