चंडीगढ़. एजेंसी। साध्वी दुष्कर्म मामले में साल 2017 से सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 21 दिन की पैरोल पर रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ गया। उसे लेने के लिए हनी प्रीत आई थी। वह राम रहीम को अपने साथ उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में ले गई। डीएसपी संदीप मलिक के नेतृत्व में सीआईए प्रथम प्रभारी कुलदीप सिंह की टीम राम रहीम को आश्रम छोड़ने गई है। चार दिन पहले राम रहीम ने पैरोल के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया था। राजस्थान चुनाव से पहले राम रहीम को 21 दिनों की पैरोल मिली है।
बता दें कि अलग-अलग मामलों में राम रहीम को 30 महीने में 8वीं बार पैरोल मिली है। गुरमीत राम रहीम को दो साध्वियों के यौन शोषण से जुड़े केस, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या से जुड़े मामलों में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। इसी साल जनवरी में राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिल गई थी। फिर इसी साल अपने जन्मदिन से पहले उसे 20 जुलाई को पैरोल मिली थी। तब वह 30 दिन के लिए बाहर आया था। बाहर आने के बाद राम रहीम ने उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने आश्रम समय व्यतीत किया था।
बार-बार पैरोल देने पर उठ रहे सवाल
राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गुरमीत राम रहीम को जेल से बाहर आया है। राम रहीम को बार-बार पैरोल मिलने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजस्थान में डेरा सच्चा सौदा का बहुत प्रभाव है। राम रहीम खुद भी राजस्थान के श्री गंगानगर का रहने वाला है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में डेरे ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की थी और हरियाणा में बीजेपी की सरकार फिर से बनी थी। वहीं, इसी साल जनवरी में राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिलने पर बखेड़ा खड़ा हो गया था। बात निकली तो दूर तक गई, जिसके बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पैरोल पाना डेरा सच्चा सौदा प्रमुख का अधिकार है।