नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्री परिषद की बैठक में ‘भारत और इंडिया’ विवाद पर मंत्रियों को ना बोलने की हिदायत दी है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से कहा है कि वे उदयनिधि स्टालिन के बयान पर भी सही तरीके से जवाब दें और सनातन धर्म पर तथ्यों के साथ बात करें। इधर BJP ने कांग्रेस से इस बयान की निंदा करने की मांग की है। हालांकि, उदयनिधि ने कहा कि सनातन धर्म के अनुयायियों के खिलाफ उन्होंने हिंसा का कोई आह्वान नहीं किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई मंत्री परिषद की बैठक में जी-20 पर निर्देश जारी किए गए हैं। बैठक के दौरान जी-20 पर प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें जी-20 समिति में 2 दिन तक होने वाले सभी ईवेंट के बारे में जानकारी दी गई। जी-20 ऐप को सभी मंत्रियों से डाउनलोड करने के लिए बोला गया है। इस एप में कई भाषाओं में ट्रांसलेशन की सुविधा है। इतना ही नहीं, विदेशी मेहमानों को रिसीव करने के लिए सभी केन्द्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उदयनिधि का सनातन पर विवाद बयान
खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने 2 सितंबर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की वकालत की थी। उदयनिधि ने कहा था, ‘सनातन धर्म लोगों को धर्म और जाति के आधार पर विभाजित करता है। सनातन धर्म का समूल नाश मानवता और समानता को बनाए रखने के हित में होगा।’ उदयनिधि के इस बयान की देशभर में निंदा हो रही है। अयोध्या के एक साधु ने उदयनिधि का सिर काटने पर 10 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की है। स्टालिन के बयान पर भाजपा हमलावर है तो वहीं INDIA गठबंधन के नेता इसे उनका निजी बयान बता रहे हैं।