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Tuesday, December 3, 2024

पुलिस क्या सिर्फ रसूखदारों के लिए काम करती है, गरीबों के कामों पर सक्रियता क्यों नहीं दिखाती, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि रसूखदारों के लिए पुलिस रात 2 बजे तक सक्रिय रहती है और उनका काम जल्दी करती है, लेकिन गरीबों के कामों को निपटाने में पुलिस को क्या हो जाता है। कोर्ट की तल्ख टिप्पणी से एक बाद फिर पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लग गया है। कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पूछा, गरीबों के मामले में पुलिस त्वरित एक्शन क्यों नहीं लेती? कोर्ट ने इससे पहले भी बेमेतरा जिले के बिरनपुर हिंसा मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली और कार्रवाई पर सवाल उठाए थे।

दरअसल, पूरा मामला बिलासपुर का है। 1 जून 2022 को जमीन दलालों की प्रताड़ना से तंग आकर सिद्धांत नागवंशी ने आत्महत्या कर ली थी। सकरी थाना क्षेत्र में रहने वाले वीरेंद्र नागवंशी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया कि उनके बेटे सिद्धांत नागवंशी ने जमीन दलालों की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी की थी। पिता वीरेंद्र नागवंशी ने बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ सकरी थाने में शिकायत की है। उन्होंने पुलिस से कार्रवाई की मांग की, लेकिन डेढ़ साल बाद भी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया।

कोर्ट ने पूछा- थानेदार को नौकरी करनी है कि नहीं
पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने के बाद आहत मृतक के पिता ने हाईकोर्ट में अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर कर इंसाफ माफा। याचिका में बताया गया कि पुलिस कार्रवाई ही करना नहीं चाहती है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई। कोर्ट ने आदेश दिया है कि सकरी थाना प्रभारी प्रकरण की अगली सुनवाई में शपथपत्र लेकर हाजिर हो। मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि लगता है पुलिस जानबूझकर मामले की जांच नहीं करना चाहती। कोर्ट ने प्रतिवादी के वकील से कहा, थानेदार को नौकरी करनी है कि नहीं।

रसूखदारों के लिए रातभर काम करती है पुलिस
कोर्ट ने आदेश दिया की शिकायत के बाद से लेकर अभी तक पुलिस ने मामले में क्या जांच की, किसका बयान लिया, पूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सबमिट करें। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने के साथ ही जमीन दलालों द्वारा प्रताड़ना से लोगों की जान जाने के मामले में कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस जानबूझकर कार्रवाई नहीं करना चाहती थी और इसलिए पूरे मामले को डेढ़ साल तक लटकाया गया है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस रसूखदारों के मामले में पूरी रात काम कर रिजल्ट पर तत्काल पहुंचती है, वहीं गरीब लोगों के लिए पुलिस यह कर्तव्य क्यों नहीं निभाती। मामले में कोर्ट ने राज्य शासन, एसपी बिलासपुर को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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