रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू होने साथ केंद्रीय जांच एजेंसियों की सक्रियता भी बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे पड़े हैं। ईडी की टीम प्रदेश के 4 जिले रायपुर, अंबिकापुर, कोरबा और धमतरी पहुंची है। ऐसी खबरें हैं कि ईडी इस बार बड़े-बड़े व्यवसायियों के घर पहुंची है। राजधानी रायपुर के कचना क्षेत्र में ईडी की जांच जारी है। जिन कारोबारियों के घर जांच चल रही है वे कोल स्कैम में फंसे अफसर और कारोबारियों के काफी करीबी बताए जा रहे हैं। कुछ के घरों में ईडी के अफसर भी भी जांच कर रहे हैं।
कोरबा में स्टेशन रोड निवासी गुटखा व्यवसायी शिव अग्रवाल के यहां सुबह 5 बजे से ईडी की टीम ने दस्तक दी। घर के लोग नींद से जागे भी नहीं थे कि ईडी के अफसर घर के दरवाजे पर पहुंच गई थी। सभी को एक जगह बिठाने के बाद अफसरों ने जांच शुरू की। 5 घंटे तक जांच के बाद ईडी के अफसर लौट गए। उधर एक और टीम ने व्यवसायी रूड़मल अग्रवाल के घर और दुकान पर छापा मारा है। ईडी अफसरों के साथ सीआरपीएफ के जवान घर के बाहर खड़े रहे। ईडी के अफसर अभी छापों लेकर कुछ नहीं बता रहे हैं, लेकिन चर्चा है कोल स्कैम और डीएमएफ को लेकर जांच चल रही है।
डीएमएफ में खर्च राशि का मांगा ब्यौरा
धमतरी में भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दो व्यापारियों के ठिकानों पर छापा मारा है। इनमें से एक राइस मिलर और दूसरा ठेकेदार बताया जा रहा है। ईडी अफसरों ने अंबिकापुर में व्यापारियों के ठिकानों पर भी दबिश दी है। छापामारी के बीच ऐसी भी खबरे हैं ईडी ने बीजापुर जिला प्रशासन को पत्र लिखकर डीएफएफ फंड का ब्यौरा मांगा है। ईडी ने जिला प्रशासन को 2016 से अब तक खर्च किए गए डिस्ट्रिक मिनरल फंड (डीएमएफ) की जानकारी मांगी है।
छापों की खबर से कई व्यापारी अंडरग्राउंड
कोरबा में ED की छापेमारी की खबर से सक्ती जिले के भी व्यापारियों में दहशत देखी जा रही है। सक्ती का एक व्यापारी अंडरग्राउंड हो गया है। बताया जा रहा है कि कोरबा में जिस व्यापारी के यहां ईडी ने छापा मारा है, उसका संबंध सक्ती के कारोबारी से जुड़ा हुआ है। वह कोरबा के व्यापारी के साथ मिलकर जिले में कई जगहों पर जमीन की खरीदी-बिक्री के अलावा उसके व्यापार में पार्टनर के रूप में इन्वेस्ट करता है। रेड पड़ने के बाद वह गायब हो गया है।