नई दिल्ली. एजेंसी। लोकसभा चुनाव के 7 चरणों के मतदान के बाद 4 जून को मतगणना होगी। मतगणना के बाद 543 लोकसभा सीटों के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव-2024 में भाग लेने वाले सभी मतदाताओं का खड़े होकर अभिनंदन किया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमने 642 मिलियन मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह सभी जी-7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और यूरोपीय संघ के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव कर्मियों के सावधानीपूर्वक और सतर्कतापूर्वक किए गए काम की वजह से हमने कम पुनर्मतदान सुनिश्चित किए। हमने 2019 में 540 के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में 39 पुनर्मतदान देखे। इसमें भी 39 में से 25 पुनर्मतदान तो सिर्फ दो राज्यों में हुए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह उन आम चुनावों में से एक है, जिसमें हमने हिंसा नहीं देखी। यह हमारी दो साल की तैयारी का परिणाम है। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव में वोटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। 1952 से लेकर अब तक किसी भी लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग ने वोटिंग के बाद और रिजल्ट के पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की मुख्य बातें
- भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ वैश्विक रिकॉर्ड बनाया।
- सीईसी राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयुक्तों को ‘लापता सज्जन’ कहे जाने वाले मीम्स पर कहा कि हम हमेशा से यहां थे, कभी गायब नहीं हुए।
- दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल, 1.5 करोड़ पोलिंग एवं सुरक्षाकर्मी शामिल थे।
- 2024 के लोकसभा चुनाव कराने में करीब चार लाख वाहन, 135 विशेष ट्रेनें और 1,692 हवाई उड़ानों का इस्तेमाल किया गया।
- 2024 के आम चुनावों में केवल 39 पुनर्मतदान हुए, जबकि 2019 में 540 पुनर्मतदान हुए थे।
- जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ, कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान हुआ।
- 2024 के चुनावों के दौरान नकदी, मुफ्त उपहार, ड्रग्स और शराब सहित 10,000 करोड़ रुपये की जब्ती की गई। 2019 में यह आंकड़ा 3,500 करोड़ रुपये था।
- आम चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की 495 शिकायतों में से 90 प्रतिशत से अधिक का निपटारा किया गया।
- चुनाव प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए चुनाव आयोग ने शीर्ष नेताओं को नोटिस जारी किए, कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और शीर्ष अधिकारियों का तबादला किया गया।
- आचार संहिता के दौरान सभी विकास कार्य रुक जाते थे, चुनाव आयोग ने 95-98 प्रतिशत परियोजनाओं में आवेदन के 48 घंटे के भीतर अनुमति दी।