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Sunday, September 15, 2024

‘जिंदगी… चाहे मानव की हो या जानवर की, कीमती है’, हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी- वाइल्डलाइफ को नहीं बचाएंगे तो गए काम से…

बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में बिजली करंट से हाथियों की मौत और वन्यजीवों पर आ रहे संकट को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की युगल पीठ को बताया गया कि पिछले तीन सालों में 21 हाथियों की मौत बिजली करंट से हुई है। जिस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या सब ऐसे ही खत्म हो जाएगा? वाइल्डलाइफ को नहीं बचाएंगे तो गए काम से…। केंद्र की गाइडलाइंस का वन्यजीवों को बचाने अक्षरशः पालन होना चाहिए। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। बिजली और वन विभाग ईमानदारी से काम करें।

याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी की तरफ वकीलों ने कोर्ट को बताया गया कि जून 2024 में सूरजपुर के पास जंगल में एक खेत में लगे 11 केवी पोल से एक हाथी टकरा गया और पोल झुक गया। दूसरा हाथी झुके वायर में प्रवाहित करंट के संपर्क में आ गया और वही मर गया। फोटो देख न्यायालय ने कहा पोल को सरसरी तौर पर लगाया गया और ऐसे पोल एक झटके में निकल या गिर जाएंगे। ऐसी व्यवस्था वन्यजीवों के लिए संकट पैदा कर रही है। कोर्ट ने कहा जान चाहे मानव की हो या जानवर की… जान कीमत होती है। कोर्ट ने आदेशित किया कि केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन सशब्दः तथा तथा मूल भावना के अनुरूप किया जावे। प्रकरण की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।

26 जून 2024 को हुई थी हाई लेवल मीटिंग
याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी की तरफ से कोर्ट को बताया कि 26 जून 2024 को छत्तीसगढ़ के ऊर्जा विभाग, विद्युत वितरण कंपनी और वन विभाग के अधिकारियों के उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि 11 केवी लाइन, 33 केवी लाइन और एलटी लाइन के झुके हुए तारों को कसने का काम, तार की ऊंचाई बढ़ाने का काम, वन क्षेत्र-हाथी रहवास, हाथी विचरण क्षेत्र में भूमिगत बिजली की लाइन बिछाने व इंसुलेट केबल लगाने का कार्य और स्पाईयुक्त खम्बों का प्रयोग करने का कार्य ऊर्जा विभाग और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी करेगी।

विद्युत कंपनी को झुकी लाइन ठीक करना है
बैठक में केंद्र के बनाए गए मार्ग निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने पर सहमति भी बनी। इसके अनुसार विद्युत कंपनी को सभी झुकी हुई लाइनों को ठीक करना है। बिजली लाइन के वायर को वन क्षेत्र में जमीन से कम से कम 20 फीट ऊंचाई पर करना है और 11 केवी और एलटी लाइन के कंडक्टर को बदलकर कवर्ड कंडक्टर लगाना है। भारत सरकार के फॉरेस्ट कंजर्वेशन डिवीजन की अनुशंसा के अनुसार बिजली लाइन की ऊंचाई हाथियों की अधिकतम ऊंचाई से ज्यादा होगी। बता दें कि पिछले पांव पर खड़े होने पर और सूंड ऊपर करने पर हाथी 20 फीट तक पहुंच सकता है।

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