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Friday, November 22, 2024

‘कांग्रेस के आंगन से दूर हो गई तुलसी’, कहा- पार्टी में समर्पण और निष्ठा का कोई मोल नहीं, ‘कमल’ खिलाने भाजपा से जुड़ी

भिलाई. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भिलाई जिला कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष तुलसी साहू ने हाथ का साथ छोड़ दिया है। कांग्रेस नेत्री ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता के साथ सभी पदों से शुक्रवार की शाम इस्तीफा देकर चौंका दिया है। चुनावी माहौल में अचानक से इस्तीफा देना कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकता है। एक तरह से कांग्रेस के आगंन से अब तुलसी दूर हो गई है। वहीं देर रात तुलसी साहू ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।

बता दें, प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर गरमा-गरमी का माहौल है। ऐसे में किसी वरिष्ठ सदस्य का इस तरह से इस्तीफा देना पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। तुलसी साहू ने इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को भेजा है। जिसमें उन्होंने साफ उल्लेख किया है कि उनके द्वारा तीन दशक तक सच्चे सिपाही की तरह पार्टी की पूरी निष्ठा के साथ सेवा की है, लेकिन पार्टी के प्रति समर्पण और निष्ठा का कोई मोल मौजूदा दौर में नहीं है। पार्टी में निष्ठा के बजाय व्यक्तिगत निष्ठा को अधिक महत्व दिया जा रहा है। इस्तीफा उन्होंने भिलाई कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर को भेजी है।

वैशालीनगर विधानसभा से की थी दावेदारी
तुलसी साहू ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा है कि पार्टी के द्वारा लगातार उनकी भावनाओं के साथ छल किया गया है। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वैशाली नगर से दावेदारी की थी। अंतिम समय तक सर्वे में नाम होने के बावजूद भी षडयंत्रपूर्वक रिश्तेदारों को निगम, मंडल और संगठन में स्थान दिया गया। उन्हें ही मैदान में उतार दिया गया। ऐसी स्थिति में पार्टी में बने रहना असंभव हो गया है। इसलिए इस्तीफा दे रही हूं।

भाजपा में शामिल हुई तुलसी साहू
कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से शुक्रवार 3 नवंबर की संध्या इस्तीफा देने वाली भिलाई शहर जिला कांग्रेस कमेटी की प्रथम पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता तुलसी साहू ने शुक्रवार-शनिवार की रात्रि ही भिलाई विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी प्रेमप्रकाश पांडेय, भिलाई जिला भाजपा अध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया के सामने भाजपा का दामन थाम लिया। इस सियासी घटनाक्रम से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। चुनाव से पहले इस तरह की घटना से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।

2018 में भी टिकट मिलने की थी चर्चा
बता दें कि 2018 के चुनाव में भी वैशालीनगर विधानसभा सीट से टिकट देने की बात उठी थी, लेकिन टिकट नहीं दिया। इसके बाद राज्यसभा से सांसद बनाने की खबर भी सामने आई, लेकिन राज्यसभा में छत्तीसगढ़ के बाहर के नेता को सांसद बनाकर भेज दिया गया। इस बार उन्होंने वैशालीनगर विधानसभा से फिर दावेदारी की थी, लेकिन टिकट नहीं मिलने से मायूस थी। कुछ दिन पहले भिलाई निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है।

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