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Monday, December 2, 2024

CGPSC के खिलाफ याचिका निरस्त, हाईकोर्ट ने कहा- गड़बड़ी पर FIR दर्ज तो सुनवाई की जरूरत नहीं, CBI जांच पर यह बोले…

बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) चयन सूची में गड़बड़ी को लेकर दायर पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की जनहित याचिका को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने निराकृत (डिस्पोज ऑफ) कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की मांग पर EOW ने तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और राज‍भवन के सचिव अमृत खलखो, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है। CBI जांच पर राज्य सरकार को फैसला लेना है। गड़बड़ी पर FIR दर्ज हो गई है तो सुनवाई की जरूरत नहीं है।

सीजीपीएससी मामले में डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि शासन की जांच के बाद अगर कोई पक्ष असंतुष्ट हो तो दोबारा हाईकोर्ट में अपील कर सकता है। CGPSC भर्ती में हुई गड़बड़ी को लेकर पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में पीएससी द्वारा भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए चयनित उम्मीदवारों की सूची कोर्ट के समक्ष पेश की गई है, जिसमें पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के आधा दर्जन करीबी रिश्तेदार डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य पदों पर चयनित हुए हैं।

राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो के बेटी और बेटे, मुंगेली के तत्कालीन कलेक्टर पीएस एल्मा के बेटे, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के पुत्र, बस्तर नक्सल आपरेशन डीआइजी की बेटी सहित ऐसे 18 लोगों की सूची पेश करते हुए आरोप लगाया है कि यह सभी नियुक्तियां प्रभाव के चलते पिछले दरवाजे से कर दी गई है। आरोप है कि उन उम्मीदवारों के भविष्य के साथ धोखा किया गया है जिनकी नियुक्ति होनी थी। याचिका में पिछले दरवाजे से की गई नियुक्तियों को रद्द करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की गई थी। कोर्ट ने इस मामले में नियुक्तियों को रोकने का आदेश दिया था और राज्य सरकार से जवाब भी मांगा था।

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