शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। राज्य के विभिन्न जिलों में भूस्खलन और बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राजधानी शिमला के समरहिल स्थित शिव बावड़ी मंदिर भूस्खलन हादसे में मंगलवार को लापता 3 लोगों के शव बरामद किए गए। सोमवार को 8 शव बरामद किए गए थे। देर शाम घटनास्थल पर फ्लड आने से रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा था। मंगलवार को बारिश कम होने से रेस्क्यू ऑपरेशन फिर शुरू किया गया है। अभी भी करीब 13 लोगों के लापता होने की बात कही जा रही है।
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि हादसे में अब तक 11 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। मंगलवार सुबह छह बजे जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। नेगी ने बताया कि 150 साल पुराना शिव मंदिर भूस्खलन से तबाह हो गया है। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र रहा। श्रावण के महीने में मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता था। सोमवार का दिन होने के चलते मंदिर में हवन यज्ञ और खीर प्रसाद की तैयारी चल रही थी। तभी भूस्खलन ने मंदिर ध्वस्त हो गया और कई भक्त दब गए।
भूस्खलन से दो दिनों में 41 लोगों की मौत
बता दें कि सोमवार की सुबह करीब सवा सात बजे भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से शिव बावड़ी मंदिर ध्वस्त हो गया था। भूस्खलन इतना खतरनाक था कि मंदिर का नामो निशान मिट गया। हादसे की सूचना पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी पहुंचे थे। सीएम ने सोमवार को बताया था कि पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक दिन में सबसे अधिक 41 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं।
4 नेशनल हाइवे बंद, पेयजल परियोजना ठप
राज्य में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं में सोमवार को 41 लोगों की जान गई है, जबकि 13 लापता हैं। शिमला, मंडी और सोलन जिलों में भारी जनहानि हुई है। भूस्खलन से हुई तबाही को देखते हुए प्रदेश सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार सुबह तक राज्य में भूस्खलन से 4 नेशनल हाईवे सहित 857 सड़कें बंद हैं। वहीं 889 पेयजल परियोजनाएं ठप हैं।