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Thursday, November 14, 2024

झारखंड के CM पद से हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा, JMM के चंपई सोरेन होंगे अगले मुख्यमंत्री, इस मामले में फंसे पूर्व सीएम, पढ़ें डिटेल…

रांची. एजेंसी। बहुचर्चित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल ने इस्तीफा सौंप दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने बुधवार दोपहर में हेमंत सोरेन से पूछताछ शुरू की थी। इसके बाद से सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर अटकलें लगाई जा रही है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष और वर्तमान में मंत्री चंपई सोरेन अगले मुख्यमंत्री होंगे।

इस्तीफे की खबरों के बीच जेएमएम और कांग्रेस के विधायक बसों से राजभवन पहुंचे। इसके कुछ मिनट बाद ही हेमंत सोरेन भी राजभवन पहुंचे। इस दौरान ईडी के अधिकारी मौजूद नहीं थे। सूत्रों के हवाले से झारखंड के सत्तारुढ़ पार्टी के गठबंधन (जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी) के विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन को नेता चुन लिया गया है। बता दें कि जब बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठ रही थी, उस दौरान चंपई का नाम खूब चर्चा में रहा। पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के साथ ही चंपई ने भी झारखंड के आंदोलन में भाग लिया। इसके बाद ही लोग उन्हें ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से बुलाने लगे।

सरायकेला सीट से विधायक हैं चंपई सोरेन
चंपई सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफी करीबी नेता बताए जा रहे हैं। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम सोरेन की पत्नी कल्पना मुख्यमंत्री बन सकती हैं। अब चंपई सोरेन के नाम पर पार्टी ने मुहर लगा दी है। बता दें कि चंपई सोरेन अभी सरायकेला सीट से विधायक हैं। सोरेन सरकार में वे परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री भी हैं। चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उपाध्यक्ष भी हैं।

मंगलवार को हुई थी विधायक दल की बैठक
बता दें कि मंगलवार को सोरेन के रांची आवास पर विधायक दल की बैठक हुई थी। बैठक में मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं। वह विधायक नहीं हैं, बावजूद बैठक में शामिल हुई थीं। इसके बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी। ईडी के अधिकारियों ने भारी सुरक्षा घेरे के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बुधवार को उनके आवास पर पूछताछ हुई। उनके जवाब से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अफसर संतुष्ट नहीं है। ऐसे में सीएम सोरेन की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। इस पूरे मामले को लेकर झारखंड की सियासत गर्म है।

क्या है जमीन घोटाले का पूरा मामला
जमीन घोटाले की जांच एक सर्कल अधिकारी (सीओ) से शुरू हुई थी। इसके बाद यह जांच आगे बढ़ी और रजिस्ट्रार कार्यालय तक पहुंची। जांच में खुलासा हुआ कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सैकड़ों एकड़ जमीन का सौदा हुआ है और इसमें छोटे से बड़े कार्यालयों के अधिकारी और बड़े-बड़े कारोबारी भी शामिल हैं। इन सबके तार आखिर में मुख्यमंत्री तक जुड़ रहे थे। यह मामला सेना की जमीन के सौदे से जुड़ा हुआ है। फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन की खरीद और बिक्री की गई थी। इस मामले में रांची नगर निगम ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।

एक IAS, दो व्यापारी सहित 14 गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नगर निगम की प्राथमिकी के आधार पर ईसीआईआर (प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट) दर्ज की थी और जांच शुरू की थी। सोरेन को इस मामले में बार-बार समन जारी किया जा रहा था। जमीन घोटाले के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी छवि रंजन और दो व्यापारियों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। छवि रंजन झारखंड के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे।

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