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Saturday, October 18, 2025

‘कानून के दायरे में ED की कार्रवाई’, कोल लेवी स्कैम में ईडी के एक्शन के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज, और क्या कहा हाई कोर्ट ने जानिए …

BILASPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में हाइकोर्ट के फैसले के बाद एक अहम मोड़ आ गया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार और जस्टिस विभू दत्त की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि ईडी की कार्रवाई कानून के दायरे में है। इस कार्रवाई को लेकर दायर की गई याचिकाओं में कोई ठोस आधार नहीं दिखता।

बता दें कि कोल लेवी स्कैम के आरोपियों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 49.73 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच करने के आदेश को चुनौती दी थी। इन याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि ईडी की कार्रवाई मनमानी और गैरकानूनी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की दलीलें सुनी गईं और 10 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। अब कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ईडी की कार्रवाई कानून के दायरे में है और याचिकाओं में कोई ठोस आधार नहीं पाया गया है। कोल लेवी स्कैम में कारोबारी सूर्यकांत को किंगपिन बताया गया है। वहीं मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव रही सौम्या चौरसिया ने इस स्कैम का पूरा संरक्षण दिया।

कोल लेवी में संपत्ति की जब्ती
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच में दावा किया है कि कोयला परिवहन में अवैध वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग की गई, जिसमें सूर्यकांत तिवारी और उनके सहयोगियों की अहम भूमिका थी। संपत्तियों की जब्ती इसी आरोप की जांच के तहत की गई थी। अब यह देखना होगा कि याचिकाकर्ता इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हैं या नहीं। फिलहाल हाईकोर्ट के इस फैसले ने कोयला घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED को बड़ी राहत दी है।

इस फैसले को दी थी चुनौती
ईडी ने अवैध कोयला लेवी घोटाले के तहत 30 जनवरी 2025 को पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के अनुसार 49.73 करोड़ रुपये की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया। इसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नकदी, आभूषण और जमीन शामिल हैं। कुर्क की गई संपत्तियों में सूर्यकांत तिवारी, उनके भाई रजनीकांत तिवारी, कैलाश तिवारी, दिव्या तिवारी, सौम्या चौरसिया, उनके भाई अनुराग चौरसिया, मां शांति देवी और समीर विश्नोई की संपत्तियां शामिल हैं। इसके बाद इनके परिवार वालों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ईडी की कार्रवाई को चुनौती दी थी। बीतें दिनों इस मामले को लेकर सुनवाई हुई थी।

कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील हर्षवर्धन परगनिहा, निखिल वार्ष्णेय, शशांक मिश्रा, अभ्युदय त्रिपाठी और अन्य ने पक्ष रखा था। ईडी की ओर से वकील डॉ. सौरभ कुमार पांडे ने जवाब पेश किया था। सभी पक्षों की लंबी बहस के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद ED की करवाई को लेकर प्रदेश में मचे सियासी घमासान पर कांग्रेसियों को झटका लग सकता है। ईडी की कार्रवाई को लेकर एक दिन पहले कांग्रेस ने पूरे राज्य में चक्काजाम और आर्थिक नाकेबंदी की थी।

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