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Tuesday, February 4, 2025

‘पूर्व CM भूपेश बघेल ने कवासी लखमा को शराब घोटाले में फंसाया’, गृह मंत्री विजय शर्मा ने क्यों कहा ऐसा…

दुर्ग. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आदिवासी और अनपढ़ समझकर फंसाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शराब घोटाले में उन्हें फंसाया है। कवासी लखमा कहते हैं कि वह पढ़ें लिखे नहीं है तो ऐसा ही हुआ होगा। विष्णुदेव साय की सरकार ने लिकर स्कैम को छुआ तक नहीं है, बल्कि चिमटी से निकालकर फेंक दिया गया। ईडी मामले की जांच कर रही है। लखमा के साथ उनके ही लोगों ने धोखा किया।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा दुर्ग में एक कार्यक्रम में आए थे, जहां उन्होंने यह बयान दिया। बता दें कि छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2160 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के साथ उनके बेटे कवासी हरीश और तत्कालीन ओएसडी जयंत देवांगन से ईडी ने एक दिन पहले ही 8 घंटे तक पूछताछ की थी। 28 दिसंबर को कवासी लखमा के साथ-साथ उनके पुत्र हरीश कवासी, उनके मित्र सुशील ओझा और सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर ईडी ने छापा मारा था। ईडी के रेड के बाद भाजपा-कांग्रेस ने एक दूसरे पर सियासी हमला किया था।

पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने खुद को बताया था अनपढ़
बता दें कि पूर्व आबकारी मंत्री लखमा ने मीडिया में बयान देते हुए खुद को अनपढ़ बताया था। उन्होंने कहा था कि शराब घोटाले की मुझे जानकारी नहीं है। अधिकारियों ने गड़बड़ी की होगी। मुझे अंधेरे में रखा गया। अफसर कागजों पर साइन करवाते थे। उन्होंने कहा था कि कानून का फैसला मंजूर है। कानून से बाहर नहीं जाऊंगा। उन्होंने सरकार पर जानबूझकर फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक मेरी सांस रहेगी बस्तर की आवाज उठाऊंगा। विधानसभा में मैंने बस्तर का आवाज उठाई, इस वजह से ईडी की कार्रवाई हो रही है। वहीं ईडी ने ट्वीट कर कहा था कि शराब घोटाले में नकद लेन-देन के पर्याप्त सबूत मिले हैं। कई डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए हैं, उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।

क्रिमिनल सिंडिकेट बनाकर घोटाला कियाः अरुण साव
इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने दो दिन पहले कहा था कि लखमा को ED की पूछताछ में सहयोग करना चाहिए, जो तथ्य है वह बताना चाहिए। भावनात्मक बातें करने से कुछ नहीं होगा। राज्य की जनता सब जानती है। कांग्रेस सरकार में शराब घोटाला हुआ। शराब दुकानों में दो-दो काउंटर बने थे। नकली होलोग्राम का उपयोग किया गया था। ऑर्गेनाइज्ड क्रिमिनल सिंडिकेट बनाकर शराब घोटाले को अंजाम दिया गया। यह कार्रवाई पॉलिटिकल मोटिवेटेड नहीं है। ED बहुत गंभीरता और बारीकी से जांच कर रही है। जांच में जो तथ्य आएंगे उसके आधार पर ED कार्रवाई करेगी।

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