रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के 1992 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) संवर्ग के अफसर पवन देव को राज्य सरकार ने डीजी पदोन्नत कर दिया है। गृह विभाग के संयुक्त सचिव अभिजीत सिंह के हस्ताक्षर से यह आदेश जारी किया गया है। डीजीपी अशोक जुनेजा के बाद पवन देव सबसे सीनियर आईपीएस हैं। अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता के साथ पवन देव के प्रमोशन के लिए भी डीपीसी हुई थी, लेकिन एक पुराने मामले को लेकर उनके प्रमोशन का लिफाफा बंद कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अनुमोदन के बाद उनका लिफाफा खुला और अब उन्हें डीजी प्रमोट कर दिया गया है। पवन देव करीब पांच साल से पुलिस हाऊसिंग कार्पोरेशन के एमडी और चेयरमैन के प्रभार में हैं। डीजीपी अशोक जुनेजा के बाद बैच वाइज सीनियरिटी में पवन देव 92 बैच में सबसे ऊपर हैं। उनके बाद अरुणदेव गौतम फिर 94 बैच में हिमांशु गुप्ता आते हैं। जुनेजा 5 अगस्त को रिटायर हो गए होते, लेकिन उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया है। डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल फरवरी 2025 तक बढ़ाया गया है। अब पुलिस महानिदेशक (DGP) बनने की दौड़ में अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता के साथ आईपीएस पवनदेव का नाम भी शामिल हो गया है।
कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के IPS पवन देव
पवन देव छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के IPS हैं। वे मूलतः बिहार के रहने वाले है। उनका जन्म 16 जुलाई 1968 को हुआ है। उन्होंने BE मैकेनिकल की डिग्री लेने के बाद यूपीएससी की तैयारी की और आईपीएस बने। भारतीय पुलिस सेवा की नौकरी करते हुए बिलासपुर यूनिवर्सिटी से उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी प्राप्त की है। पवन देव ने 10 जनवरी 1993 को IPS की जॉब ज्वाइन की। वे बिलासपुर जिले में प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर अपनी सेवाएं शुरू की।
पुलिस हाऊसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक
IPS पवन देव बिलासपुर जिले के एडिशनल एसपी रहे हैं। पवनदेव राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक, लोक अभियोजन के संचालक रहे। छत्तीसगढ पुलिस भर्ती एवं चयन का अतिरिक्त प्रभार भी उन्होंने संभाला। आईजी सीआईडी भी रहे। वर्तमान में पवन देव एडीजी रैंक के अफसर हैं। वो पुलिस हाऊसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक हैं। प्रमोशन के बाद फरवरी में नए डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) की तलाश होगी तो तीन दावेदार होंगे।