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Saturday, July 27, 2024

NCP नेता जग्गी हत्याकांडः एक शूटर सहित दो ने किया रायपुर न्यायालय में सरेंडर, सुप्रीम कोर्ट ने 5 आरोपियों को दी मोहलत

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के 5 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केस के आरोपियों आरसी त्रिवेदी, वीके पांडे, अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी और याह्या ढेबर को सरेंडर करने के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है। दूसरी तरफ जग्गी हत्याकाण्ड के दो शूटरों ने 15 अप्रैल को सरेंडर कर दिया। शूटर विनोद सिंह राठौर और चिमन सिंह ने विशेष न्यायाधीश की अदालत में सरेंडर किया है। कोर्ट ने शेष सभी 25 आरोपियों को वारंट जारी कर दिया। इससे पहले हाईकोर्ट ने 27 आरोपियों को उम्र कैद की सजा के फैसले को सही ठहराया था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट ने 27 आरोपियों को उम्र कैद की सजा के फैसले को सही ठहराया था। इन 27 के अलावा एक अन्य आरोपी बुलठू पाठक की मौत भी हो चुकी है। बता दें कि 21 वर्ष पहले 4 जून 2003 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कोषाध्यक्ष रामअवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या की गई थी। उसके बाद उनके बेटे सतीश जग्गी ने मौदहापारा थाने में FIR दर्ज कराई थी। इस मामले में निचली अदालत ने 31 मई 2007 को कुछ आरोपियों को बरी करते हुए शेष आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने उस फैसले को बरकरार रखा है। अब शूटर चिमन सिह, याहया ढेबर, तात्कालिक सीएसपी अमरिंदर गिल, आरसी त्रिवेदी, व्हीके पाण्डेय, अभय गोयल सहित 27 लोगों को उम्र कैद की सजा दी गई है।

जोगी के बेटे अमित का उछला था नाम
इस मामले की सीबीआई जांच हुई थी। NCP नेता रामअवतार जग्गी की हत्या के मामले में CBI ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को भी मुख्य आरोपी बनाया था। हालांकि, सेशन कोर्ट ने 31 मई 2007 को अमित जोगी को बरी कर दिया, जबकि 28 लोगों को सजा सुनाई थी। इस मामले के एक आरोपी याहया ढेबर के भाई अनवर ढेबर ने उस वक्त कहा था कि उसका भाई बेगुनाह है। उसने एक जज के बेटे का स्टिंग ऑपरेशन करने का दावा भी किया था। अनवर ढेबर स्टिंग ऑपरेशन की सीडी को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पास भी गए थे। इसके बाद सिंह ने मामले की जांच का आश्वासन दिया था।

ये हैं NCP नेता जग्गी हत्याकांड के आरोपी
इस मामले के आरोपियों में चिमन सिंह, याह्या ढेबर (राहत), अभय गोयल, शिवेंद्र सिंह परिहार, फिरोज सिद्दीकी, विक्रम शर्मा (मृत्यु), विनोद सिंह राठौड़, राकेश कुमार शर्मा उर्फ बब्बू, संजय सिंह कुशवाहा उर्फ चुन्नू, रविंद्र सिंह उर्फ रवि, राजू भदोरिया, नरसी शर्मा, सत्येंद्र सिंह, विवेक सिंह भदोरिया, लाला भदोरिया, सुनील गुप्ता, अनिल पचौरी, हरीश चंद्रा, बुलटू पाठक (मृत्यु), सुरेश सिंह, सूर्यकांत तिवारी (राहत), अमरीक सिंह गिल (राहत), अविनाश उर्फ लल्लन सिंह, जामबंद उर्फ बबलू, श्याम सुंदर उर्फ आनंद शर्मा, विनोद सिंह उर्फ बादल, विश्वनाथ राजभर, अशोक सिंह भदोरिया, राकेश चंद्र त्रिवेदी (राहत), वीके पांडे (राहत) शामिल हैं।

2003 में हुई थी NCP नेता जग्गी की हत्या
बता दें कि 4 जून 2003 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता रामावतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे, जिनमें से दो बुलटू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। 29 आरोपितों पर केस चला। इस मामले के मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 27 आरोपियों को सजा हुई थी। इनमें तीन पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। जग्गी हत्याकांड छत्तीसगढ़ की पहली राजनीतिक हत्या मानी जाती है। इस हत्याकांड को लेकर छत्तीसगढ़ का नाम देशभर में काफी सुर्खियों में रहता है।

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