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Saturday, July 27, 2024

हवाला कारोबारी दम्मानी ब्रदर्स की याचिका हाईकोर्ट में खारिज, महादेव बैटिंग एप काट रहे सजा, आप भी जानिए पूरा मामला

बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ सहित देशभर में सुर्खियों में आए महादेव ऑनलाइन बैटिंग एप से जुड़े हवाला कारोबारी को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। जेल में बंद हवाला कारोबारी दो भाई अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। पिछले दिनों सुनवाई पूरी कर फैसले को सुरक्षित रखा गया था। जस्टिस एन के चंद्रवंशी की कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इसके पहले रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने दोनों कारोबारी भाइयों का जमानत आवदेन खारिज कर दिया था। इसके बाद दोनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी।

बता दें कि, महादेव सट्टा एप मामले में दम्मानी भाइयों पर करोड़ों रुपये का हवाला करने का आरोप है। दोनों आरोपियों को अगस्त माह के आखिरी में गिरफ्तार किया गया था। 23 अगस्त को ईडी की टीम ने रायपुर और दुर्ग में छापा मार कर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इसमें हवाला कारोबारी अनिल और सुनील दम्मानी समेत, एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी अभी न्यायिक हिरासत में हैं। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई जारी है। ईडी जांच कर रही है और ऐसे में जमानत देना उचित नहीं लगता।

विशेष कोर्ट में भी खारिज हो चुकी है याचिका
महादेव सट्टा ऐप के मामले की जांच कर रही ED की टीम ने बीते 23 अगस्त को रायपुर और दुर्ग में छापेमारी कर मनी लांड्रिंग के केस में हवाला कारोबारी अनिल और सुनील दम्मानी समेत ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के विरोध में दोनों भाई ने रायपुर स्थित ED की विशेष अदालत में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद विशेष कोर्ट ने जमानत आवेदन खारिज कर दिया था।

राजनीतिक दबाव में गिरफ्तार किया गयाः वकील
जमानत मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने तर्क देते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को राजनीतिक दबाव में गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ सीधे तौर पर कोई साक्ष्य नहीं है और न ही रुपये के लेनदेन का कोई रिकॉर्ड है। वकील ने आगे यह भी कहा कि ED की पूछताछ पूरी हो चुकी है और अब उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से सशर्त जमानत की मांग की थी। इस पर जस्टिस एनके चंद्रवंशी की सिंगल बेंच ने दो दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर मंगलवार को फैसला आया है।

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