रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा एप को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 14 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में अपराधिक परिवाद को पेश किया है। ईडी ने कोर्ट में महादेव सट्टा मामले को 6 हजार करोड़ रुपये का बताया है। ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि प्रारंभिक तौर पर 41 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है। ईडी ने अदालत में 9084 पन्नों का परिवाद पेश किया है, जिसमें अपराधिक परिवाद 197 पन्नों और इससे संबंधित दस्तावेज 8887 पन्नों का है।
ईडी ने अपराधिक परिवाद में जिन्हें आरोपी बनाया है, उसमें सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, विकास छापरिया, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल धमानी, सुनील धमानी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, सृजन, पूनाराम वर्मा, शिव कुमार वर्मा, यशोदा वर्मा और पवन नत्थानी शामिल है। इनमें चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल धमानी और सुनील धमानी इसी मामले में न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल में बंद हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।
60 दिन के भीतर चालान पेश करना जरूरी
ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने बताया, चार्जशीट विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया गया है। नियमों के अंतर्गत इस मामले में गिरफ्तार 4 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी के 60 दिन के भीतर चालान पेश किया जाना अनिवार्य है। मामले की विवेचना जारी है। विवेचना के अनुरूप पृथक से परिवाद पेश होगा। जांच में 6 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है। कोर्ट को 41 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी सीज की जानकारी दी गई।
‘महादेव जूस’ से ‘महादेव सट्टा’ का सफर
सट्टा किंग सौरभ और उप्पल छत्तीसगढ़ के भिलाई का निवासी है। बताया जाता है कि सौरभ बेहद सामान्य परिवार से है। वह अधिक पढ़ा लिखा भी नहीं है। उसका शुरुआती जीवन बेहद संघर्षों में गुजरा है। शुरुआत में वह भिलाई में ही जूस बेचने का काम करता था। दुकान का नाम था ‘महादेव जूस सेंटर’। जूस की दुकान चलाते हुए वह सट्टेबाजी करने लगा था और कहते हैं कि जो भी कमाता था वह सट्टेबाजी में लगा देता था। हालांकि, उसे अधिकतर मौकों पर हार का ही सामना करना पड़ा। महादेव ऐप का एक अन्य प्रमोटर और सौरभ का साथी उप्पल इंजीनियर है।