रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने नए-नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। एंटी नक्सल ऑपरेशन पर निकले जवानों को माओवादी निशाना बनाने हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। IED बनाने के लिए नक्सलियों ने अब बीयर के बॉटल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। बीजापुर में सुरक्षा बलों ने माओवादियों के नापाक मंसूबों को विफल करने में बड़ी सफलता हासिल की है। बीडीएस की टीम ने दोनों बम को डिस्पोज कर दिया है।
बस्तर के नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को हमेशा टिफिन बम, प्रेशर कुकर बम, पाइप बम आदि मिलते रहे हैं, लेकिन इस बार जवानों को शराब की बॉटल में आईईडी लगा मिला है। नक्सलियों की नई तकनीक से जवान भी हैरान हैं। बीजापुर जिले के थाना आवापल्ली अंतर्गत मुरदण्डा के समीप पगडंडी मार्ग से आईईडी बरामद किया गया है। थाना आवापल्ली और सीआरपीएफ 229 बटालियन के जवानों ने रोड ओपनिंग गस्त और डिमाइनिंग ड्यूटी के दौरान आईईडी को बरामद किया है। नक्सलियों ने बीयर की खाली बॉटल में 2 IED तैयार कर प्लांट किए थे। सुरक्षा बलों की सूझबूझ और सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया है। बीडीएस की टीम ने मौके पर ही इन दोनों को निष्क्रिय कर दिया।
6 जनवरी को मिला था 20 KG का बम
6 जनवरी को बिजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र में नक्सल ऑपरेशन में निकले सीआरपीएफ की 196वीं बटालियन के जवानों ने 20 से 22 किलो का आईईडी रिकवर किया था। ये आईईडी नीले रंग के प्लास्टिक ड्रम में रखा हुआ था। सुबह जवानों ने IED बरामद किया, जिसे बीडीएस की टीम ने नष्ट किया। बस्तर संभाग से नक्सलवाद को खत्म करने फोर्स ने अभियान छेड़ रखा है। 2026 तक माओवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय की गई है।
IED ब्लास्ट में 8 जवान की हुई थी मौत
6 जनवरी को बीजापुर में बड़ा आईईडी ब्लास्ट हुआ था। कुटरू पुलिस थाना क्षेत्र के बीच अंबेली में नक्सलियों ने पक्की सड़क के लगभग 4 से 5 फीट गहराई में लगभग 50 से 60 किलो वजनी आईईडी प्लांट किया था, जिसमें डीआरजी के जवानों से भरी गाड़ी को माओवादियों ने ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इस घटना में डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गए और ड्राइवर शहीद हो गया था। वाहन के परखच्चे उड़ गए थे। जवानों के शव क्षत-विक्षत हो गए थे।