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Saturday, March 15, 2025

‘सनातन के अपमान की इजाजत किसी को नहीं’, देवकीनंदन बोले- सनातन धर्म का कोई अनादर करे यह बर्दाश्त नहीं होगा

भिलाई. न्यूजअप इंडिया
श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्राताओं से संवाद करते हुए प्रख्यात कथावाचक धर्मरत्न देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातनियों को अपने धर्म के प्रति समर्पित और कट्टर होना चाहिए। हमारे धर्म, संस्कृति, परंपरा के खिलाफ लोग अक्सर बोल देते थे। व्यंग्य करते हुए कटाक्ष करते हैं, लेकिन हम मौन रहते हैं। हम उसका प्रतिकार नहीं करते, यही हमारी कायरता है, जो गुलामी की ओर ले जाती है। धर्म के प्रति उठने वाली हर आवाज का सनातनियों को मुखर जवाब देना सीखना होगा। सनातन धर्म किसी का अपमान नहीं करता बल्कि सभी का समान करता है, लेकिन कोई अन्य सनातन धर्म का अनादर करे तो सहन करने की इजाजत भी नहीं देता।

भिलाई के सिविक सेंटर में देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने बताया कि माता पार्वती कथा का श्रवण करते-करते निद्रा में लीन हो गई, जिसके कारण सुखदेव जी ने पूरा अमृत्व भागवत कथा को श्रवण किया। अंत में भगवान शंकर ने माता पार्वती से पूछा की पूरा कथा श्रवण किए या नहीं तब माता पार्वती ने बताया कि मुझे नींद आ गई थी। इस वजह से अमृत्व भागवत कथा का पूर्ण श्रवण नहीं कर पाई। इसका कारण बताते हुए महाराज ने बताया कि यह पाप दोष के कारण होता है। देवकीनंदन महाराज ने आगे बताया कि धृतराष्ट्र को भी जीव हत्या के कारण अपने कर्मों का फल भोगना पड़ा, जिससे उनके सभी पुत्र मारे गए। यह भी पूर्व जन्म के दोष के कारण हुआ।

सनातनियों को धर्म के प्रति समर्पित होना चाहिए
देवकीनंदन महाराज ने जोर देकर गौसेवा में पूर्णरूप से अपनी सहभागियता प्रदान करने को कहा, जिससे मानव जीवन का उद्धार हो और जीवन सुखमय हो। अंत में सनातन धर्म पर अपना पक्ष रखते हुए महाराज ने कहा कि सनातन धर्म किसी का अपमान नहीं करता बल्कि सभी का समान करता है, लेकिन कोई अन्य सनातन धर्म का अनादर करे तो सहन करने का इजाजत भी नहीं देता। सनातनियों को अपने धर्म के प्रति समर्पित और कट्टर होना चाहिए।

माता-पिता, राष्ट्र और धर्म का आदर-सम्मान करें
देवकीनंदन ने युवा वर्ग को समझाते हुए कहा कि अपने माता-पिता, अपने राष्ट्र, धर्म का आदर एवं सम्मान करें, तभी प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेंगे। इससे युवाओं का कल्याण होगा। भिलाई छत्तीसगढ़वासियों को भागवत कथा सुनने का अवसर मिल रहा है। यह सुंदर व्यवस्थित आयोजन के साथ सह परिवार आकर भागवत कथा का श्रवण करे और अपना और अपने परिवार का कल्याण करे। कथा सुनने दूसरे दिन भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। दिव्य ज्योति सेवा समिति द्वारा प्रसादी का वितरण किया गया।

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