19.1 C
Raipur
Saturday, November 16, 2024

कुत्ते के काटने पर अब सरकार को देना होगा मुआवजा, जितना बड़ा घाव उतना ज्यादा पैसा… हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

चंडीगढ़. एजेंसी। पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ में लगातार बढ़ रहे कुत्ते के काटने के मामलों (डॉग बाइट) पर पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए राज्य सरकारों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने 193 याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब की सरकारों और चंडीगढ़ प्रशासन को डॉग बाइट के मामलों में मुआवजा तय करने के लिए समितियां बनाने का आदेश दिया है। यह समितियां संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों की अध्यक्षता में गठित की जाएगी। इन समितियों को आवेदन मिलने के बाद जांच कर चार महीनों के अंदर मुआवजा देना होगा। राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती।

हाईकोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने कहा, पशुओं की वजह से दुर्घटनाओं और डॉग बाइट के केस इतने बढ़ रहे हैं कि लोगों को कोर्ट पहुंचना पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा, पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार मुख्य रूप से जिम्मेदार होगा। राज्य को डिफॉल्ट एजेंसियों या निजी व्यक्ति से इसकी वसूली करने का अधिकार भी रहेगा। मौतों की बढ़ती संख्या और सड़कों पर आवारा जानवरों की बढ़ती खतरनाक दर बहुत चिंताजनक है। इसने मानव जीवन पर असर डालना शुरू कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा, यह आवश्यक है कि राज्य को अब बोझ साझा करना चाहिए और जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी चाहिए। संबंधित केस पर सरकार को चार महीने के अंदर मुआवजा देना होगा।

कुत्ते के एक दांत काटने पर 10 हजार मुआवजा
हाईकोर्ट के अनुसार कुत्ते के काटने से संबंधित मामलों में वित्तीय सहायता न्यूनतम 10,000 रुपए होगी, जो किसी शख्स के शरीर पर कुत्ते की ओर से काटे गए प्रति दांत के हिसाब से दी जाएगी। कुत्ता अगर किसी व्यक्ति का मांस नोच लेता है तो प्रति 0.2 सेंटीमीटर घाव के हिसाब से मुआवजा न्यूनतम 20 हजार रुपये दिया जाएगा। इस संबंध में हाईकोर्ट ने शिकायत मिलने पर पुलिस को डीडीआर दर्ज करने कहा है। यह गंभीर मसला है और जिम्मेदारी सरकारों को लेनी होगी।

पुलिस को डेली डायरी रिपोर्ट भी दर्ज करनी होगी
हाईकोर्ट ने कहा कि आवारा, जंगली जानवरों के वाहन के सामने आने से होने वाले हादसों की शिकायत मिलने पर संबंधित थाने के एसएचओ को बिना देरी किए एक डेली डायरी रिपोर्ट भी दर्ज करनी होगी। इसके बाद पुलिस अधिकारी मामलों को लेकर किए गए दावे की जांच करेगा और गवाहों के बयान भी दर्ज करेगा। घटनास्थल की रिपोर्ट तैयार कर दावेदारी करने वालों को एक कॉपी सौंपी जाएगी। हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशकों को आदेश दिया है कि वे बनाए गए दिशा-निर्देशों के संबंध में अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करें।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here