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Saturday, November 2, 2024

सनातन पर विपक्षियों को घेरा, शब्दों से आदिवासियों को साधा और भ्रष्टाचार पर किया प्रहार, PM मोदी की सभा के क्या हैं मायने

रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी की सभा के कई सियासी मायनें हैं। उन्होंने अपने भाषण में एक तीर से कई शिकार करते हुए सियासी निशाने लगाए हैं। सनातन के बहाने INDIA अलायंस पर प्रहार किया तो आदिवासी वोटरों से कोदो, कुटकी, रागी और मया- दुलार की बातें कर ‘मिशन जीरो लैंड’ पर कमल खिलाने का मनुहार कर गए। मोदी ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर गाय के गोबर में भ्रष्टाचार, शराबबंदी के बजाय तिजोरी भरने और DMF तक को नहीं छोड़ने जैसे गंभीर आरोप लगा दिए। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर झूठा प्रचार और आकंठ भ्रष्टाचार की बात कहते हुए यह इशारा भी कर दिया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में BJP के लिए छत्तीसगढ़ में ‘भ्रष्टाचार’ सबसे अहम मुद्दा रहने वाला है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी 2023 में सत्ता वापस पाने एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। भाजपा ने खासकर बस्तर और सरगुजा में पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का फोकस जीरो लैंड यानी उन इलाकों पर है, जहां 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक भी सीटें नहीं मिली है। सरगुजा और बस्तर की सियासी बंजर जमीन पर कमल खिलाने भाजपा ‘परिवर्तन यात्रा’ निकाल रही है। दोनों संभाग में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं, जहां वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी का एक भी विधायक नहीं है। इन्हीं क्षेत्रों को टार्गेट कर पीएम मोदी की सभा कराई गई। अब जेपी नड्डा आए हैं, ताकि आदिवासी क्षेत्रों भाजपा के पक्ष में माहौल बन सके। दो महीने में पीएम मोदी दो बार, अमित शाह 4 बार, कई केंद्रीय मंत्री लगातार आए और अब जेपी नड्डा भी आए हैं।

बस्तर और सरगुजा से मिलेगी सत्ता की चाबी
2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा को तगड़ा झटका लगा था। सरगुजा संभाग में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। बस्तर में दंतेवाड़ा एकमात्र सीट मिली थी, वह भी उपचुनाव में हाथ से निकल गई। इसे देखते हुए भाजपा ने आदिवासी क्षेत्रों में फोकस करने का फैसला किया है। रणनीति के तहत BJP केंद्रीय नेतृत्व के नेता बार-बार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी खासकर बस्तर और सरगुजा
संभाग के आदिवासी आरक्षित सीटों से ही खुलेगा, इसीलिए भाजपा का पूरा जोर इन आदिवासी सीटों पर है। भाजपा ने दंतेवाड़ा से परिवर्तन यात्रा शुरू किया और अब दूसरे चरण की यात्रा का आगाज जशपुर में जेपी नड्डा ने कर दिया है।

विधानसभा सीटों से समझिये सियासी गणित
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूत सरकार है। 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास अभी 71 विधायक हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास सिर्फ 14 विधायक हैं। 5 सीटें जेसीसीजे और बसपा के पास है। सरगुजा क्षेत्र में टीएस सिंहदेव (बाबा) दिग्गज नेता हैं। टीएस सिंहदेव अभी छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम हैं। ‘बाबा’ पर सरगुजा संभाग के 14 सीटों की जिम्मेदारी है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ‘कका’ पर खुद के गृह जिले दुर्ग के साथ बस्तर और बिलासपुर संभाग की जिम्मेदारी रहेगी। BJP का सबसे ज्यादा फोकस छत्तीसगढ़ के जीरो लैंड सीटों यानी बस्तर के 12 और सरगुजा संभाग की 14 सीटें पर है। बिलासपुर संभाग में 24 विधानसभा सीटें हैं। इममें 13 सीट पर कांग्रेस, 7 पर बीजेपी, 2 पर BSP और 2 पर JCCJ का कब्जा है। BJP के टॉप लीडर्स की इन्हीं संभागों में सभाएं हो रही है।

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