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Monday, November 11, 2024

OPS Vs NPS: पुरानी पेंशन क्यों चाहिए, नई पेंशन स्कीम से यह कितना अलग? दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे लाखों कर्मचारी, जानिए- CM भूपेश ने इस पर क्या कहा…

नई दिल्ली-रायपुर. न्यूजअप इंडिया
दिल्ली में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग को लेकर देशभर से हजारों सरकारी कर्मचारी रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में जुटे। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के तहत कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांग उठाने रैली का आयोजन किया। ‘पेंशन शंखनाद महारैली’ का आयोजन मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के बजाय पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया है। इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा, केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही हम पूरे देश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करेंगे।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया X पर लिखा- ‘ऐतिहासिक! “निजीकरण, NPS, जुमले वाली ये सरकार, नहीं चलेगी अबकी बार” के नारों से गूंजा दिल्ली का रामलीला मैदान। कर्मचारियों की ओपीएस की मांग का पूरा समर्थन है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल में लागू कर दिया है। केंद्र में सरकार बनते ही हम पूरे देश में लागू करेंगे।’ इधर प्रदर्शनकारी केंद्रीय कर्मचारियों का कहना है कि चार राज्य पहले ही ओपीएस लागू करने की घोषणा कर चुके हैं तो केंद्र इसे लागू क्यों नहीं कर सकता। बता दें कि यह रैली तब आयोजित हुई है, जब केंद्र इस साल मार्च में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को चुनने का एकमुश्त विकल्प लेकर आया था।

कार्मिक मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार जो कर्मचारी 22 दिसंबर 2003 (जिस दिन एनपीएस अधिसूचित किया गया था) से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों पर केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल हुए हैं वे केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के लिए पात्र हैं। सरकारी कर्मचारियों का चुनिंदा समूह 31 अगस्त, 2023 तक इस विकल्प को चुन सकता है। मंत्रालय ने कहा था कि एक बार इस्तेमाल किया गया विकल्प अंतिम होगा। इस संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन, संदर्भ और अदालती फैसलों के बाद यह कदम उठाया गया है। बता दें OPS को एनडीए सरकार ने 2003 में 1 अप्रैल 2004 से बंद कर दिया था। वहीं NPS के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10% पेंशन के लिए योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14% का योगदान करती है।

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