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Saturday, July 27, 2024

वोटिंग कराने गए कर्मियों को EVM जमा करने से पहले चुनावी ड्यूटी का भुगतान, यहां 10800 कर्मचारियों के खातों में पहुंचे 1.18 करोड़ रुपये

इंदौर. न्यूजअप इंडिया
मध्य प्रदेश में लोकतंत्र के महापर्व में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सरकारी कर्मियों के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव खास रहा। वोटिंग कराने के बाद दल वापस लौट रहा था, तभी उनके खातों में चुनावी ड्यूटी का भुगतान शुरू हो गया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि निर्वाचन में लगे कर्मियों को उसी दिन भुगतान किया गया हो। इंदौर जिला प्रशासन ने मतदान के दिन ही निर्वाचन कार्य में लगे कर्मियों को मानदेय (चुनावी भत्ता) का भुगतान कर दिया। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की जुदा कार्यशैली से यह संभव हो सका है। 10 हजार से ज्यादा कर्मियों को 1 करोड़ 18 लाख रुपये का भुगतान किया गया है।

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को वोटिंग कराई गई। अब तक के चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ जब चुनाव वाले दिन ही कर्मचारियों के खाते में उनके मानदेय ट्रांसफर किया गया। शाम 5 बजे तक वोटिंग खत्म हुआ और 6 बजे से खातों में रुपये आने का मैसेज आने लगा। सरकारी कर्मचारी ईवीएम मशीन और अन्य मतदान सामग्री को लेकर वापस नेहरू स्टेडियम पर पहुंचे, उसके पहले उनके खाते में पैसे क्रेडिट हो जाने का संदेश आ गया था। कुछ कर्मियों के खातों में रकम ट्रांसफर का मैसेज नहीं आया। उन्हें जल्द से जल्द दुरूस्त कर रकम ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए हैं।

चुनावी भत्ता मिलने से कर्मचारी भी खुश
बता दें कि इस विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को भुगतान में विलंब की बातें भी कई बार सामने आ चुकी है, लेकिन इस बार इंदौर जिला प्रशासन ने एक नई पहल करते हुए मतदान के दिन ही चुनावी ड्यूटी का भुगतान कर दिया। इस बार चुनाब में लगभग 10 हजार 800 कर्मचारी लगे थे। देर रात तक ईवीएम का आने का सिलसिला जारी रहा। कर्मचारियों भी इस बात से खुश दिखे कि उनके खातों में चुनावी ड्यूटी का भुगतान हो गया है।

रिजर्व कर्मियों का भुगतान अभी नहीं हुआ
कलेक्टर इलैया राजा ने बताया कि 10 हजार 800 कर्मचारियों के खाते में 1 करोड़ 18 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। पीठासीन अधिकारी के रूप में काम करने वाले हर कर्मचारी के खाते में 1400 और मतदान दल के सदस्य के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों के खाते में 1200 रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। चुनाव की व्यवस्था के लिए रिजर्व में रखे गए सरकारी कर्मचारियों को अभी मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। कलेक्टर ने बताया कि चुनाव आयोग से पैसे की डिमांड की गई है। फंड मिलते ही रिजर्व कर्मचारियों को भी भुगतान कर दिया जाएगा।

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