32.1 C
Raipur
Thursday, April 17, 2025

केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी या ENC के दिमाग में कुछ और चल रहा है…?

ARJUN JHA. Jagdalpur
फाइनेंसियल ईयर समाप्ति के पहले 31 मार्च तक ठेकेदारों का भुगतान नहीं हुआ तो ठेकेदार और उनके मजदूर गंभीर आर्थिक संकट में पड़ जाएंगे, बस्तर संभाग में सड़क, पुल पुलिया निर्माण के दर्जनों कार्यों पर विराम लग जाएगा और केंद्रीय मद के अरबों रुपये लेप्स हो जाएंगे। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ दलील दे रहे हैं कि केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते भुगतान लटका हुआ है। केंद्र के सॉफ्टवेयर में प्रॉब्लम है या फिर ईएनसी के दिमाग में कुछ और चल रहा है? वजह चाहे जो भी हो, लेकिन मामला अब गंभीर हो चला है।

बस्तर संभाग के नारायणपुर, कांकेर, बीजापुर आदि जिलों में केंद्र सरकार की रूरल रोड प्रोजेक्ट-2 के तहत निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग के अधीन ठेकेदारों द्वारा पुल, पुलिया और सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। ठेकेदार दो अरब रुपये से ज्यादा के कार्य करा चुके हैं, लेकिन लंबे समय से उनका भुगतान अटका कर रख दिया गया है। इन ठेकेदारों ने विभाग के इंजीनियर इन चीफ श्री भतपहरी को आवेदन देकर भुगतान की गुहार लगाई, मगर नतीजा सिफर रहा। ठेकेदारों और उनके मातहत कर्मचारियों व मजदूरों की होली बिना पैसे के बेरंग रही।

स्थानीय अफसर भी करते हैं मनमानी
बता दें कि ठेकेदारों को पहले ऑनलाइन भुगतान होता था, तब ऐसी समस्या नहीं आती थी, लेकिन जबसे यह व्यवस्था बंद की गई है, भुगतान में बहुत ज्यादा देरी हो रही है। रूरल रोड प्रोजेक्ट-2 के तहत छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल दुर्गम इलाकों में सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग है। इस विभाग की संपूर्ण निर्माण संबंधी प्रगति और वित्तीय जिम्मेदारी इंजीनियर इन चीफ पर है। रूरल रोड प्रोजेक्ट के तहत चल रहे निर्माण कार्यों के समस्त भुगतान भी सीधे ईएनसी के माध्यम से ही होता है, ताकि इस प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे ठेकेदारों को स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही का शिकार नहीं होना पड़े। केंद्र के इस महति प्रोजेक्ट को कैसे पलीता लगाते हैं यह भी चर्चा का विषय बना है।

ठेकेदारों ने दिया ईएनसी को आवेदन
भुगतान अटकने से प्रभावित ठेकेदारों ने ईएनसी श्री भतपहरी को आवेदन देकर अपनी पीड़ा सुनाई है। ठेकेदारों ने आवेदन में कहा है कि लिमिट प्राप्त हो जाने के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है। धन के अभाव में जारी निर्माण कार्य बाधित हो रहे हैं। अगर अभी भुगतान नहीं हुआ तो निर्माण कार्यों को 31 मार्च तक पूर्ण करना असंभव हो जाएगा। राज्य के बस्तर संभाग सहित सभी आदिवासी बाहुल्य इलाकों में विकास और आवागमन के लिए बनाई जा रही इस सड़कों के भुगतान को छोटे छोटे कारणों से रोक दिया जाता है। अकेले बस्तर संभाग में ही रूरल रोड प्रोजेक्ट-2 के तहत सड़क निर्माण में लगे ठेकेदारों के करीब 200 करोड़ रुपयों का भुगतान लटका दिया गया है। ठेकेदारों को सिर्फ आश्वासन दिया जाता है कि केंद्र सरकार का सॉफ्टवेयर दुरुस्त होते ही भुगतान शुरू हो जाएगा। बरसात और दीपावली निपटने के बाद जब सड़क निर्माण कार्यों में तेजी आती है तब ही भुगतान अटका कर ठेकेदारों के कार्य में अवरोध पैदा कर दिया जाता है।

देरी का हवाला देकर ठेकेदारों से वसूली
जानकारों का कहना है कि बड़े अधिकारी जानबूझ कर कार्यों में देरी कराते हैं। क्योंकि कार्य में देरी का हवाला देकर ठेकेदारों से वसूली की जाती है। आरआरपी-2 योजना में लगे कई ठेकेदारों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की इस योजना को जानबूझ कर ये अधिकारी बदनाम करने पर तुले हुए हैं ताकि निर्माण की गति प्रभावित होने से सरकार की बदनामी हो। 31 मार्च तक अगर भुगतान नहीं होता है तो केंद्रीय मद की राशि लेप्स हो जाएगी, जिससे बदनामी सरकार की होगी, सरकार की ही छवि धूमिल होगी। ठेकेदारों का भुगतान अटका कर ईएनसी ने न सिर्फ केंद्र और राज्य की सरकारों के बीच टकराव के हालात पैदा कर दिए हैं, बल्कि केंद्रीय मद से प्रोजेक्ट के नाम पर मिले अरबों रुपयों के लैप्स हो जाने का खतरा भी पैदा कर दिया है। आखिर ईएनसी ऐसा क्यों कर रहे हैं, इस पर विष्णुदेव साय सरकार को ध्यान देना होगा।

क्या कहते हैं अफसर यह भी जानिए…
श्री भतपहरी, ईएनसी, लोक निर्माण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन ने कहा कि ठेकेदारों का भुगतान रुकने की बात सही है। केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर में थोड़ी प्रॉब्लम की बात सामने आई है। यह दिक्कत दूर होते ही ठेकेदारों को जल्द भुगतान कर दिया जाएगा। किसी का पेमेंट रोका नहीं गया है।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here