रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में राजनीतिक आंदोलन से संबंधित भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं के खिलाफ दर्ज प्रकरण जल्द ही वापस लिए जाएंगे। यह सभी प्रकरण कांग्रेस सरकार के समय भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज कए गए थे। इस मामले पर गृहमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक भी हो चुकी है। प्रदेश के सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षक राजनीतिक प्रकरणों से जुड़े मामलों की जानकारी राज्य सरकार को देंगे, जिसके बाद उसे खत्म करने पर निर्णय होगा।
जानकारी अनुसार विभिन्न जिलों से प्राप्त विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से सम्बंधित 137 दर्ज प्रकरणों में से 46 प्रकरणों की समीक्षा की गई है। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि BJP नेताओं को कांग्रेस सरकार ने झूठे केस में फंसाया। BJP कार्यकर्ताओं को कांग्रेस सरकार ने टार्गेट किया। मंत्रिमंडलीय उप समिति के विचारों पर राज्य सरकार जल्द निर्णय लेगी। वहीं इस मामले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार में अपराधियों पर केस दर्ज हुए हैं। बदले की भावना से कांग्रेस सरकार ने काम नहीं किया है, बल्कि आज भाजपा सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।
राजनीतिक आंदोलनों में सरकार का दबाव
बता दें कि 2019 में भी इसी तरह भूपेश बघेल सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर दर्ज केस वापस लिए गए थे। तत्कालीन गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में गठित उपसमिति ने सभी कलेक्टरों और एसपी से 15 दिन में राजनीतिक प्रकरणों से जुड़े मामलों की जानकारी मांगी थी। सभी मामलों को उपसमिति के सामने रखा गया था, जिसके बाद खात्मा करने पर निर्णय लिया गया था। इसी प्रक्रिया को भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार अब अपने नेताओं के लिए दोहराने जा रही है। राजनीतिक दलों का मानना है कि राजनीतिक आंदोलनों में सरकार के दबाव और दुर्भावनावश ऐसे मामले दर्ज किए जाते हैं।