अंबिकापुर. न्यूजअप इंडिया
गोवर्धन पीठ, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं। अंबिकापुर में शंकराचार्य स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गौ-रक्षा के नाम पर प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने के बाद गौ-हत्या के एजेंट बन गए। वे गौ रक्षकों को गुंडे कहते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी महत्वाकांक्षा के कारण प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे, लेकिन मर्यादा का ज्ञान नहीं रखते हैं। उन्होंने अमर्यादित ढंग से रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की, इस कारण वे गिर भी रहे हैं। जय श्रीराम कहना भूल गए। शंकराचार्य ने कहा कि देश में धर्म परिवर्तन, गौ हत्या के लिए राजनीति व सरकार जिम्मेदार है। प्रसाद में मिलावट एक जघन्य अपराध है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देश में धर्म परिवर्तन, गौ हत्या एवं देश की राजनीति पर जमकर निशाना साधा। शंकराचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर्यादित ढंक से श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा की, इसलिए जहां-जहां राम गए, वहां भाजपा साफ हो गई। नरेंद्र मोदी अब नितीश कुमार और नायडू की बैसाखियों पर आ गए हैं। अब मोदी की गारंटी भी कहना बंद कर दिया। शंकराचार्य ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कहा था कि प्रधानमंत्री को गौ हत्या बंद कर देनी चाहिए। अब मोदी स्वयं भारत के प्रधानमंत्री हैं। अब वे कहते हैं, गौरक्षक गुंडे। जो भी प्रधानमंत्री बनता है वह क्रिश्चन व मुस्लिम कम्युनिटी का दास हो जाता है। मोदी गौ हत्या के एजेंट हो गए हैं।
‘धर्म परिवर्तन के लिए सरकारें जिम्मेदार’
स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि धर्म परिवर्तन के लिए सरकार जिम्मेदार है। तालिबान के शासन में चार क्रिश्चयन आए, मुस्लिमों को क्रिश्चयन बनाने के लिए। चारों को तालिबान के शासन ने फांसी की सजा सुनाई। सनातन धर्म दर्शन, विज्ञान, व्यवहार तीनों से परिपूर्ण है। सेवा के नाम पर हिंदुओं को क्रिश्चयन बनाने का जघन्य अपराध शासन तंत्र की सहभागिता से चल रहा है। गरीबी पालती है सरकार, लाभ उठाने देती है क्रिश्चयनों को।
‘अन्याय सहना सहिष्णुता नहीं’
स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि विनम्रता के नाम पर अन्याय सहना सहिष्णुता नहीं होती। जो स्वभाव से दुष्ट हैं, उनके विरुद्ध अस्त्र उठाना कोई अपराध नहीं है। देश की सेना, पुलिस लोगों की रक्षा के लिए अस्त्र उठाती है। सनातन का सिद्धांत भी यही कहता है। हम अहिंसा के पक्षधर हैं, लेकिन हिंसा करने वालों पर अस्त्र उपयोग को गलत नहीं मानते। जगतगुरू निश्चलानंद ने कहा कि देश में नेताओं का वैचारिक पतन हो रहा है। देश की राजनीति काजल की कोठरी के समान है। मठ मंदिर शासन का तंत्र बन गया है। देश में किसी की भी दल की सत्ता हो मंदिर, देवस्थान इनके दिशा-निर्देश पर चलते हैं। जबकि धर्मनिरपेक्ष सरकार को धार्मिक मामलों में दखल देने का अधिकार नहीं है।
‘प्रसाद में मिलावट जघन्य अपराध’
स्वामी निश्चलानंद महाराज ने देश में प्रसाद में अमान्य चीजों की मिलावट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा करना जघन्य अपराध है। इसलिए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिठाई, प्रसाद में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में नैतिकता का पतन हुआ है। स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि आधुनिक शिक्षा पद्धति नौकर ही बनाएगा। आज शिक्षित युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरी नहीं मिलती। इससे युवाओं में हताशा और निराशा बढ़ रही है। बता दें कि अंबिकापुर में दर्शन, दीक्षा और संगोष्ठी का कार्यक्रम हरिमंगलम भवन में आयोजित है। स्वामी जी रविवार को नारायणी परिसर में धर्मसभा को संबोधित भी करेंगे।