रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने राजनांदगांव पुलिस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। राजनांदगांव में पुलिस भर्ती में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया था, जिसके बाद कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता साय सरकार पर लगातार हमलावर है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल इसे लेकर सोशल मीडिया में लगातार आक्रमण रुख अपनाए हुए हैं। भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को देखते हुए अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने भर्ती रद्द करने का फैसला लिया है।
बता दें कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया गड़बड़ी मामले में पुलिस ने अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चार आरक्षक भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में परिधि निषाद, योगेश कुमार धुर्वे, पवन कुमार साहू, नुतेश्वरी धुर्वे, धर्मराज मरकाम और पुष्पा चंद्रवशी का नाम शामिल है। राजनांदगांव पुलिस भर्ती प्रक्रिया गड़बड़ी मामले में लालबाग थाने में पुलिस ने अपराध दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान धारा 61(2), 3(5) BNS जोड़ी गई।
आर्थिक लाभ लेकर नंबर देने का मामला
जांच-विवेचना के दौरान आरक्षक भर्ती संवर्ग में अभ्यर्थियों को मशीन में छेड़खानी कर अंक में लाभ दिलाने को लेकर अभ्यर्थी मीना पात्रे ने पूछताछ में बताया था कि 14 दिसंबर को सुबह आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान अपनी परिचित पुलिस स्टॉफ को अनुचित तरीके से आर्थिक लुभावना ऑफर दिया था। मीना पात्रे के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य सबूत पाए जाने के बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच भी चल रही थी।
आरक्षक की आत्महत्या से हुआ खुलासा
बता दें कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया में धांधली का खुलासा तब हुआ जब पुलिस आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर का शव 21 दिसंबर को ग्राम रामपुर के पास फंदे पर लटका हुआ मिला था। आरक्षक के हाथ में लिखा था कि भर्ती प्रक्रिया में केवल कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं। इस घटना के बाद हड़कंप मच गया था। पुलिस विभाग में भर्ती को लेकर विपक्षी पार्टी के नेता लगातार सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे थे।
जांच के लिए एसआईटी का गठन किया
आरक्षक के आत्महत्या के बाद जब मामला गरमाया तो पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। आईजी ने एसआईटी को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। एसआईटी की जांच में कई गड़बड़ियां भी सामने आई है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में और भी खुलासा होने की उम्मीद है।