नई दिल्ली. एजेंसी। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रमों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। केंद्र सरकार ने 1966, 1970 और 1980 में तत्कालीन सरकारों द्वारा जारी उन आदेशों में संशोधन किया है, जिनमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं और उसकी अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाई गई थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। आरएसएस के शताब्दी वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा यह तोहफा माना जा रहा है।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में केंद्रीय कर्मचारियों के शामिल होने पर लगी 58 साल पुरानी रोक हटा दी है। इस आदेश में केंद्र सरकार द्वारा 1966, 1970 और 1980 के उन आदेशों में में संशोधन किया गया, जिनमें कुछ अन्य संस्थाओं के साथ-साथ आरएसएस की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों को कार्रवाई, दंडात्मक प्रावधान लागू किए गए थे। इन पाबंदियों को हटाने की वजह से निश्चित तौर पर उनके अंदर एक खुशी का माहौल है, अब उसे पर लगी पाबंदी हटा ली गई है।
अटल सरकार में भी लागू था कानून
RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों को कड़ी सजा देने तक का प्रावधान लागू किया गया था। हालांकि, इस बीच मध्य प्रदेश सहित कई राज्य सरकारों इस आदेश को निरस्त कर दिया था, लेकिन केंद्र सरकार के स्तर पर यह आदेश बना हुआ था। 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया। बता दें कि ये कानून अटल बिहारी वाजपेई ने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान भी लागू था।
क्या है सरकार का यह नया आदेश?
9 जुलाई 2024 को केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया है कि सरकारी कर्मचारी RSS की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। यह आदेश गवर्नमेंट इंडिया मिनिस्ट्री आफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवांसेज एंड पेंशन डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल एंड ट्रेंनिंग डिपार्मेंट की तरफ से जारी किया गया है। आदेश पर डेप्युटी सेक्रेट्री गवर्नमेंट आफ इंडिया की हस्ताक्षर हैं।
विपक्ष का सरकार के फैसले पर सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार के इस फैसले को लेकर X पर लिखा- ‘1947 में भारत ने अपना राष्ट्रीय ध्वज अपनाया था। RSS ने तिरंगे का विरोध किया था और सरदार पटेल ने उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी थी। 4 फरवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था। मोदी जी ने 58 साल बाद, सरकारी कर्मचारियों पर RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर 1966 में लगा प्रतिबंध हटा दिया है। हम जानते हैं कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने सभी संवैधानिक और स्वायत्त संस्थानों पर संस्थागत रूप से कब्ज़ा करने के लिए RSS का उपयोग किया है। मोदी जी सरकारी कर्मचारियों पर RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा कर सरकारी दफ़्तरों के कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं।