रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले मामले में जेल में बंद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। गुरुवार को रायपुर के ACB/EOW स्पेशल कोर्ट में सौम्या की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच बहस हुई। विशेष कोर्ट ने निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर जेल भेज दिया है। वहीं मामले में गिरफ्तार आरोपी हेमंत और चंद्रप्रकाश जायसवाल की पुलिस रिमांड एक जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में 570 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला का खुलासा किया था। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार विशेष अदालत ने केस डायरी अवलोकन से 25 रुपये लेवी का लाभ लेने और जमानत का लाभ देने पर केस की जांच प्रभावित करने की आशंका के जमानत याचिका खारिज कर दी है। बचाव पक्ष के वकील ने बच्ची की बीमारी का दिया हवाला था। इसके पहले भी कोर्ट हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। याचिका खारिज होने के बाद सौम्या चौरसिया को जेल जाना पड़ेगा। वहीं कोल लेवी में गिरफ्तार आरोपी हेमंत और चंद्रप्रकाश जायसवाल की पुलिस रिमांड एक जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन किया
छत्तीसगढ़ में ED ने अवैध कोल लेवी वसूली का खुलासा किया था। ईडी का दावा है कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर कोल परिवहन में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर दिया था, जिससे व्यापारियों से वसूली की जा सके। वहीं इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है। ED के अनुसार निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया से इन्हें संरक्षण मिलता था।
25 रुपये प्रति टन कोल लेवी की वसूली
ED के मुताबिक सूर्यकांत तिवारी ने 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम वसूलने के लिए एक सिंडिकेट बनाया था। व्यापारियों से अवैध रकम वसूलने के बाद ही उन्हें खनिज विभाग से पीट पास और परिवहन पास जारी किए जाते थे। इस मामले की जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू द्वारा की रही है। इस मामले में सौम्या चौरसिया के अलावा सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, IAS समीर बिश्नोई, IAS रानू साहू सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है।