रायपुर. Newsupindia.com
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बुधवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक शिविर में 32 महिलाओं समेत 50 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति और 60 अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा हथियार डालने के बाद हुआ है। कांकेर, गढ़चिरौली का पड़ोसी जिला है। 50 नक्सलियों के सरेंडर से पहले सुकमा जिले में 27 नक्सलियों ने सरेंडर किया। इस तरह कुल 77 नक्सली मुख्यधारा में लौटे हैं।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के सदस्य राजमन मंडावी और राजू सलाम के नेतृत्व में माओवादी कार्यकर्ताओं का समूह कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र में बीएसएफ की 40वीं बटालियन के कामतेरा शिविर में पहुंचा। दो बसों में नक्सलियों को कैंप तक लाया गया। दरअसल, बस्तर में सुरक्षा बलों के एक्शन से नक्सलियों में दहशत है और एनकाउंटर में मारे जाने के डर से माओवादी सरेंडर कर रहे हैं।
इन हथियारों के साथ किया सरेंडर
पुलिस अफसरों ने बताया कि नक्सलियों ने 39 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया, जिनमें सात एके-47 राइफल, दो ‘सेल्फ लोडिंग’ राइफल, चार इंसास राइफल, एक इंसास एलएमजी (लाइट मशीन गन) और एक ‘स्टेन गन’ शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन माओवादियों में पांच डिविजनल कमेटी सदस्य– प्रसाद ताड़ामी, हीरालाल कोमरा, जुगनू कोवाची, नरसिंह नेताम और नंदे (राजमन मंडावी की पत्नी) हैं। सरेंडर करने वाले ये माओवादी कई घटनाओं में शामिल रहे हैं।

नक्सली सरेंडर का आज बड़ा दिन
महाराष्ट्र से लेकर छत्तीसगढ़ तक 138 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। सबसे बड़ा सरेंडर आज महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुआ, जहां नक्सल लीडर सोनू दादा ऊर्फ भूपति ने अपने 61 साथियों के साथ सरेंडर कर दिया। सोनू दादा के सरेंडर करते ही सुकमा में भी 27 नक्सलियों ने प्रशासन के सामने हथियार डाल दिए। वहीं कोंडागांव में पूर्वी डिवीजन की टेलर कमाण्डर और 5 लाख की इनामी महिला नक्सली ने सरेंडर किया। इसके बाद कांकेर में 50 नक्सलियों ने सरेंडर किया। हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 31 मार्च, 2026 तक देश नक्सलमुक्त हो जाएगा।
