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Saturday, July 27, 2024

पंजाब में गन्ने की कीमत में 11 रुपये का इजाफा, किसानों ने कम बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी, कहा- शगुन 21 और 51 का भी होता है…

चंडीगढ़. एजेंसी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गन्ने की स्टेट एग्रीड प्राइस में 11 रुपये की वृद्धि करने की घोषणा की है। इससे पंजाब में गन्ने का रेट देशभर में सबसे ज्यादा 391 रुपये हो गया है। यह हरियाणा सरकार की ओर से हाल ही में बढ़ाये गए कीमत से दो रुपये ज्यादा है, लेकिन पंजाब के किसान इससे खुश नहीं हैं। मुख्यमंत्री की ओर से तय कीमत को खारिज करते हुए 400 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक कीमत की मांग कर रहे हैं। गन्ने का मूल्य और शुगर मिले चालू करने का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ तो किसान फिर से संघर्ष को तैयार हैं। एक बार फिर से पंजाब में हाईवे और रेल ट्रैक जाम किए जायेंगे।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि पंजाब में 11 रुपये को अच्छा शगुन माना जाता है, इसलिए हमारी सरकार ने किसानों को यह तोहफा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब पूरे देश में गन्ने का सबसे ज्यादा दाम दे रहा है, जिससे किसानों को बड़ा फायदा हो रहा है। मान ने कहा कि हाल ही में किसानों के साथ हुई बैठक में उन्होंने वादा किया था कि गन्ने की कीमत के मामले में पंजाब देश में अग्रणी होगा और आज यह वादा पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 380 रुपये प्रति क्विंटल एसएपी का भुगतान किया था, जो हरियाणा द्वारा हाल ही में 386 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत घोषित करने तक सबसे अधिक था। मान ने कहा कि राज्य सरकार ने अब इस कीमत को बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे पंजाब के किसानों को काफी फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य की सभी सहकारी और निजी मिलों में 2 दिसंबर से पिराई सीजन का एलान भी किया।

यह किसानों के साथ मजाक है: बाजवा
पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने गन्ने का दाम 11 रुपये बढ़ाने को नाकाफी बताया है। बाजवा ने ट्वीट कर लिखा कि सरकारें शगुन नहीं फसल की असली कीमत देती हैं। यह पंजाब के किसानों के साथ आपका एक अप्रिय मजाक है। बाजवा ने लिखा कि मैं पंजाब के सभी गन्ना उत्पादकों की और से मांग करता हूं कि इस सीजन के लिए गन्ने का समर्थन मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया जाए।

शगुन 21 और 51 का भी होता हैः संघ
सीएम के इस एलान के बाद जालंधर में किसान संघों ने एक बैठक की है। किसान नेताओं का कहना कि सीएम के भरोसे पर जालंधर में धरना हटा लिया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने शगुन के नाम पर सिर्फ 11 रुपये बढ़ाए, शगुन 21 और 51 का भी होता है। पिछली बार जब किसानों ने संघर्ष किया था, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 50 रुपये रेट बढ़ाए थे। किसानों ने कहा कि चार दिन के धरने से किसानों का नुकसान हुआ, लोगों को भी परेशानियां का सामना करना पड़ा और बढ़े सिर्फ 11 रुपये, जो हमें मंजूर नहीं। पंजाब की शुगर मिल देशभर में सबसे बाद में शुरू हो रही है, जिससे किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर गुरदासपुर में बस स्टैंड के उद्घाटन के बाद 400 रुपये क्विंटल से अधिक के गन्ने का रेट और शुगर मिल चालू करने का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ तो किसान फिर से संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।

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