नई दिल्ली. एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (24 मई) को एक गैर सरकारी संगठन (NGO) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें निर्वाचन आयोग को मतदान केंद्रवार वोटिंग प्रतिशत आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा। अभी चुनाव चल रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि वह फिलहाल ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं कर सकती, क्योंकि चुनाव के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं और दो चरण बाकी हैं। चुनाव चल रहा है, बीच में दखल देना ठीक नहीं…। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ ‘असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एआरडी) की ओर से दाखिल अंतरिम अर्जी (एआई) स्थगित कर दी और इसे चुनाव बाद नियमित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अर्जी में किया गया अनुरोध इसी मुद्दे पर 2019 से लंबित मुख्य याचिका के समान हैं। पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा। पीठ ने कहा, अंतरिम अर्जी में कोई भी राहत देना मुख्य याचिका में राहत देने के समान होगा, जो लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को NGO की याचिका पर निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा था, जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान होने के 48 घंटे के अंदर केंद्रवार मत प्रतिशत के आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। एआरडी ने अपनी 2019 की जनहित याचिका में एक अंतरिम आवेदन दायर किया है, जिसमें उसने निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने की अपील की है कि सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17 सी भाग-प्रथम (रिकॉर्ड किए गए मत) की स्कैन कॉपी मतदान के बाद वेबसाइट पर अपलोड की जाएं।