बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग के शिक्षक प्रमोशन पोस्टिंग का केस उलझ गया है। हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। दोनों पक्ष केस की सुनवाई तक शिक्षक जहां हैं, वहीं रहेंगे। अगर कोई टीचर रिलीव हो गया है तो वह नई जगह ज्वाइन नहीं कर सकेगा और न ही पुरानी जगह पर टीचिंग कर पाएगा। केस की सुनवाई तक किसी भी टीचर का प्रमोशन आदेश भी निरस्त नहीं होगा। हाईकोर्ट में 600 याचिकाएं दायर की गई है।
बता दें कि प्रदेशभर में शिक्षकों की पदोन्नति के बाद पोस्टिंग आदेश जारी किया गया था। 4000 प्रमोशन पोस्टिंग की आड़ बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई थी। शहर से लगे शिक्षकों के पदों को छिपा कर रखा गया और पैसों का लेन-देन कर पदस्थापना के लिए संशोधित आदेश जारी कर दिया गया। पोस्टिंग घोटाला उजागर होने के बाद राज्य शासन ने शिक्षकों के पदस्थापना आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके खिलाफ प्रभावित कई शिक्षक हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। याचिका पर सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सभी केस में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करने वाले एडवोकेट प्रतीक शर्मा ने बताया कि पदोन्नति पोस्टिंग के केस में हाईकोर्ट ने 11 सितंबर को आदेश जारी किया है। यह आदेश सभी केस पर लागू होगा। कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है, जिसके मुताबिक दोनों पक्षों को इस आदेश का पालन करना होगा। आदेश में स्पष्ट है कि अगर टीचर रिलीव हो गए हैं तो नई जगह ज्वाइन नहीं कर सकेंगे और ना ही पुरानी जगह पर पढ़ा सकेंगे।
शिक्षा विभाग ने 2733 पोस्टिंग को रद्द किया था
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक केस की सुनवाई होते तक शिक्षक रिलीव ही रहेंगे। उनका प्रमोशन ऑर्डर कैंसिल भी नहीं होगा। शिक्षकों और सरकार को यथास्थिति मेंटेन करना होगा। शिक्षक अगर रिलीव नहीं हुए हैं तो पुरानी जगह पर रहकर काम कर सकते हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ के शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2733 पोस्टिंग को रद्द कर दिया था। मुख्यमंत्री से अनुमोदन के बाद 4 सितंबर को संशोधित पोस्टिंग आदेश को रद्द किया गया था। शिक्षकों को संशोधित पोस्टिंग से पहले वाले स्कूलों में जाने शासन ने 10 दिन का समय दिया था।