रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन बनाए गए करीब 35 निगम, मंडल, प्राधिकरण, आयोग के अध्यक्षों और कार्यकारिणी का कार्यकाल समाप्त हो गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में मंगलवार को सीएम हाउस में 7 घंटे तक बैठक चली। बैठक में नई नियुक्तियों के संबंध में निर्णय लिया गया है कि सभी नियुक्तियां पार्टी आलाकमान के हवाले कर दिया गया है। आलाकमान ही फैसला करेगा की खाली पदों पर किनकी नियुक्तिया होंगी।
बैठक में प्रदेश प्रभारी सैलजा, पीसीसी चीफ दीपक बैज, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, विधानसभाध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, मंत्री रविंद्र चौबे, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, मंत्री मोहम्मद अकबर मौजूद थे। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री निवास में कई निगम मंडलों के पदाधिकारियों की भीड़ लगी रही। छत्तीसगढ़ के करीब 35 निगम और मंडल के अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। इनमें से कई निगम-मंडलों के अध्यक्षों ने सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैजला से मिलकर अपना कार्यकाल बढ़ाने की गुहार लगाई थी।
प्रदेश प्रभारी ने उनसे साफ कह दिया कि अब किसी को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इन पदों पर नई नियुक्तियां की जाएंगी। 2020 में निगम-मंडल की पहली नियुक्ति के दौरान नियुक्त होने वाले लगभग 35 निगम और मंडल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य इससे प्रभावित होंगे। उनका कार्यकाल दो साल पूरा होने के बाद उनकी नियुक्ति समाप्त हो गई।
एक्सटेंशन चाहते हैं निगम और मंडल अध्यक्ष
कांग्रेस भवन में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैलजा पदाधिकारियों की बैठक ले रही थीं। इसमें कई निगम मंडल के पदाधिकारी पहुंचे थे। उन्होंने उनसे पुनर्नियुक्ति की गुहार लगाई, लेकिन सैलजा ने स्पष्ट कर दिया है कि नए लोगों को मौका मिलेगा। बताया जाता है कि हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा और श्रम सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल प्रदेश प्रभारी से मिलने गए थे।
असंतुष्ट को साधने नए लोगों को मिलेगा मौका
कई बोर्ड, निगम, आयोग के अध्यक्ष चाहते हैं कि उनका एक्सटेंशन किया जाए। ये फरियाद लेकर वे कुमारी सैलजा से मिलने भी पहुंचे। उन लोगों को उन्होंने कह दिया है कि आपको मौका मिल चुका, बचे समय में दूसरों को मौका मिलेगा। ऐसे लगभग 35 निगम मंडल के पदाधिकारी हैं, जिनका कार्यकाल खत्म होने वाला है या हो गया है। चुनाव से पहले अगर नई नियुक्ति की जाती है तो चार महीने दूसरे कांग्रेसियों को मौका मिलेगा। कई असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं को संतुष्ट करने का प्रयास होगा। अगर सरकार दोबारा बनती है तो उनका कार्यकाल आगे चलता रहेगा।