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Friday, November 22, 2024

NMDC Steel Plant: ‘मेक इन इंडिया’ का सपना होगा साकार, औद्योगिक विकास में मिल का पत्थर बनेगा नगरनार

शिखा सामंत.जगदलपुर
माओवादी हिंसा से जूझ रहे बस्तर के विकास में NMDC के नगरनार स्टील प्लांट की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। प्लांट से जल्द ही उत्पादन शुरू हो जाएगा। नगरनार संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस में हीटिंग शुरू होने के साथ यह स्टील प्लांट बस्तरवासियों के दशकों पुराने सपने को पूरा करेगा। इस प्लांट से केवल बस्तर ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का आर्थिक विकास होगा। पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के सपने को भी यह प्लांट साकार करेगा। देश में स्टील की जरूरतों को पूरा करने में नगरनार प्लांट की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, वहीं बस्तर के औद्योगिक विकास में यह प्लांट मील का पत्थर साबित होगा।

शनिवार को दिन बस्तर के लिए बड़ी खुशियां लेकर आया। एनएमडीसी के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) और निदेशक (वित्त) एनएमडीसी स्टील लिमिटेड (एनएसएल) के कार्यपालिक निदेशक के प्रवीर कुमार ने नगरनार स्टील प्लांट में भारत के दूसरे सबसे बड़े ब्लास्ट फर्नेस को शुरू किया। इस धमन भट्टी को बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के नाम पर रखा गया है। नगरनार स्टील प्लांट की इस ब्लास्ट फर्नेस की कैपसिटी 4506m3 है जो प्रति दिन औसतन 9500 टन हॉट मेटल (गर्म धातु) का उत्पादन करने की क्षमता रखती है। हीटिंग के दौरान दिलीप कुमार मोहंती निदेशक (उत्पादन), एनएसएल वी सुरेश निदेशक (वाणिज्यिक), विनय कुमार निदेशक (तकनीकी) और बी विश्वनाथ मुख्य सतर्कता अधिकारी, के प्रवीण कुमार कार्यकारी निदेशक एनएसएल, एसके वर्मा मेकॉन लिमिटेड के निदेशक वाणिज्यिक उपस्थित रहे।

देश-विदेश में बस्तर की होगी अलग पहचान
एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अमिताभ मुखर्जी हैदराबाद से शनिवार को जगदलपुर पहुंचे। उन्होंने मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा करते हुए कह कि एक सप्ताह के भीतर स्टील प्लांट से प्रोडक्शन शुरू होगा। बस्तर के विकास और उद्योग जगत के लिए आज का दिन स्वर्णिम है। आज नगरनार स्टील प्लांट का सबसे अहम और कमिशनिंग के अंतिम चरण का कार्य ब्लास्ट फर्नेस की हीटिंग की गई है। जगदलपुर शहर आने वाले दिनों में भिलाई महानगर की तर्ज पर बदलेगा। औद्योगिक क्षेत्र में बस्तर की एक अलग पहचान देश-विदेश में होगी।

नीदरलैंड की कंपनी ने तैयार किया डिजाईन
नगरनार स्टील प्लांट के महाप्रबंधक और मुख्य संचार प्रमुख रफीक अहमद ने बताया कि अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस इस ब्लास्ट फर्नेस (धमन भट्ठी) की डिजाइन नीदरलैंड की डेनिएली कोरस बी.वी. ने किया है। इसके निर्माण का ब्यौरा टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने उठाया था। इस प्रयास को मुकाम तक पहुंचाने में मेकॉन लिमिटेड ने सलाहकार के रूप में योगदान दिया। सीएमडी मुखर्जी (अतिरिक्त प्रभार) एनएसएल ने एनएसएल, मेकॉन की टीम द्वारा किए गए सामूहिक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस ऐतिहासिक मील के पत्थर को हासिल करने में सेल, आरआईएनएल, जेएसडब्ल्यू, जेएसपीएल और प्रोजेक्ट से जुड़े सभी कंपनियों के समर्थन के लिए आभार भी जताया।

1000 से अधिक डिग्री में पिघलेगा अयस्क
कोक और अन्य सामग्रियों की उपस्थिति में ब्लास्ट फर्नेस में गर्म धातु का उत्पादन करने लौह अयस्क को 1000 डिग्री से अधिक तापमान पर पिघलाया जाता है। ब्लास्ट फर्नेस में ब्लो-इन गतिविधि प्रारंभिक बोझ भरने के बाद शुरू की गई, जिसमें कोक, सिटर, लौह अयस्क और फ्लक्स शामिल है। ब्लास्ट फर्नेस की पहली ‘टैपिंग’ अगले 36-40 घंटों में होने की उम्मीद है। जब पहिली बार नगरनार स्टील प्लांट से हॉट मेटल बहेगा। ब्लास्ट फर्नेस से उत्पादित गर्म धातु (हॉट मेटल) को स्टील मेल्टिंग शॉप में भेजा जाएगा और उसके बाद हॉट रोल्ड कॉइल्स का उत्पादन करने थिन स्लैब कास्टर और हॉट स्ट्रिप मिल में डाला जाएगा।

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