बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जानकारी को सूचना का अधिकार (RTI) से बाहर रखने के नियम को गलत बताते हुए सामान्य प्रशासन विभाग को नई अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है। चिरमिरी के आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में अधिकारियों के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों की जानकारी मांगी थी। इस मामले में कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए आदेश दिए हैं।
दरअसल, एसीबी के जन सूचना अधिकारी ने वर्ष 2013 में आवेदक राजकुमार के आवेदन को यह कहते हुए नामंजूर कर दिया कि एसीबी की एफआईआर सूचना के अधिकार अधिनियम एक्ट के दायरे से बाहर है। आवेदक को यह जानकारी दी गई कि 1 अगस्त 2013 को एक अधिसूचना जारी कर सामान्य प्रशासन विभाग ने एसीबी को आरटीआई एक्ट की धारा 24 से छूट मिली हुई है। इस प्रावधान के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
अपने मामले की स्वयं पैरवी करते हुए राजकुमार मिश्रा ने यह कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश आरटीआई एक्ट के उद्देश्यों के विपरीत है। राज्य शासन की ओर से जवाब आने के बाद सितंबर महीने में मामले की अंतिम सुनवाई हुई थी। जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने अब इस पर फैसला देते हुए राज्य शासन को आदेशित किया है कि तीन सप्ताह के भीतर नई अधिसूचना जारी की जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी चार सप्ताह के भीतर प्रदान किया जाए।