रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर आबकारी मंत्री कवासी लखमा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पांच साल से मैं सरकार में मंत्री हूं। जहां भी जाता हूं, मुझे शराब दुकान खोलने के लिए आवेदन मिलते हैं, लेकिन शराब दुकान बंद करने एक भी आवेदन नहीं मिला है। प्रदेश में शराबबंदी कभी नहीं होगी। कोरोनाकाल के दौरान सरकार ने 2 महीने शराब दुकान बंद कर दिया था, जिसकी वजह से दूसरी शराब पीने से रायपुर और बिलासपुर में 6-6 लोगों की मौत हुई थी। बिहार में शराबबंदी है, जहां 400 आदिवासी गरीब लोग जेल में बंद हैं।
अंबिकापुर में मीडिया से चर्चा के दौरान आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जिस दिन छत्तीसगढ़ में दारू बंद होगा, बड़े लोग बिहार-झारखंड से ले आएंगे। गुजरात में घर में पहुंचाकर दारू दिया जा रहा है। यहां भी बड़े लोग यूपी से लाएंगे, आंध्र से लाएंगे। कौन जेल जाएगा, गरीब आदमी जो पैसा नहीं पटाता है, तहसीलदार से बात नहीं करता, थानेदार बात नहीं सुनता है। हमको ऐसी राजनीति नहीं चाहिए, जिसमें गरीब जेल जाए और दूसरा दारू पीकर मरना। हमको ये पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे घोषणा पत्र में यह मुद्दा था। सभी मुद्दों की समीक्षा जनता करती है। शराबबंदी के लिए जनता से पूछते हैं। सरकार ने शराबबंदी की समीक्षा करने के लिए कमेटी भी बनाई है।
‘BJP ने 15 लाख रुपये देने की बात कही थी’
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, भारतीय जनता पार्टी ने 15 लाख देने की बात कही थी, 15 पैसे भी नहीं दिए। दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही थी, दिए क्या? 35 रुपये में डीजल देने की बात कही थी, कीमत 100 के पास पहुंच गया। कांग्रेस सरकार के समय गैस की कीमत 400 रुपये था, अभी 1200 रुपये पहुंच गया है। हमारे मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बोला दारू सामाजिक बुराई है। हम भी मानते हैं कि शराब सामाजिक बुराई है और इसे बंद होना चाहिए। विधानसभा के अंदर बोला गया राजनीति से हटकर कांग्रेस-बीजेपी, जेसीसीजे, बहुजन समाज पार्टी सभी के नेता सामने आओ। इसकी देश में समीक्षा करो, गुजरात जाओ, बिहार जाओ सब मिलकर बंद करना है।