नई दिल्ली. न्यूजअप इंडिया। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न मिलेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया। एक ही दिन में देश की तीन हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा हुई है। इस साल 2024 में पांच लोगों को भारत रत्न मिला है। वहीं 2023 में किसी को भी भारत रत्न नहीं दिया गया था
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। बता दें कि साल 2023 में भारत रत्न नहीं दिए जाने के कारण इस साल यानी 2024 में पिछले साल का बैकलॉग क्लियर किया गया है। एक साल में सिर्फ तीन लोगों को भारत रत्न दिया जा सकता है। इस साल अब तक पांच लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। कुछ दिनों पहले कर्पूरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवानी को भारत रत्न देने की घोषणा हुई थी। इधर लोग इसे चुनावी साल में सियासी समीकरण से जोड़ रहे हैं।
पूर्व PM नरसिम्हा राव ने देश सेवा
पीएम ने अपनी अगली पोस्ट में लिखा कि नरसिम्हा राव ने एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की। प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों के लिए याद किया जाएगा। उनके कार्यकाल में भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया गया था, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला।
हरित क्रांति के जनक को भारत रत्न
देश में हरित क्रांति के जनक कहने जाने वाले एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है। पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा- भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।
इन्हें दिया गया पहला भारत रत्न
भारत रत्न के पहले प्राप्तकर्ता डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे, जिन्हें एक दार्शनिक, राजनेता और अकादमिक के रूप में उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए 1954 में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था। भारत रत्न पुरस्कार उन लोगों के लिए राष्ट्रीय मान्यता के प्रतीक के रूप में कार्य करता है, जिन्होंने देश की प्रगति और कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत रत्न देने की परंपरा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 2 जनवरी 1954 से शुरू की थी।