जगदलपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ का जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र, बस्तर संभाग के 7 जिलों का मुख्यालय होने के साथ संभाग के 12 सीटों में से एकमात्र सामान्य सीट है। इस वजह से सभी की निगाहें जगदलपुर विधानसभा सीट पर टिकी रहती है। शहरी क्षेत्र होने के कारण यहां भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर होती है। बस्तर में सबसे अधिक प्रत्याशी भी इसी सीट से चुनाव लड़ते हैं। जगदलपुर संभाग मुख्यालय होने की वजह से यहां सभी विभागों के हेड ऑफिस मौजूद हैं। इस वजह से इस सीट में चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी का अलग ही दबदबा होता है।
वर्तमान में जगदलपुर विधानसभा कांग्रेस के कब्जे में है और इस सीट से विधायक रेखचंद जैन है। कांग्रेस ने वर्तमान विधायक रेखचंद जैन का टिकट काटकर पूर्व महापौर जतिन जायसवाल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व महापौर किरणदेव को मैदान में उतारा है। इस बार के चुनावी में भाजपा-कांग्रेस के साथ ही छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस और आप पार्टी भी संभाग के एकमात्र सामान्य सीट पर दम लगा रही है। इस बार के विधानसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस दोनों ही पार्टी ने पूर्व महापौर पर दांव लगाया है। अब किरणदेव भारी पड़ते हैं या जतिन जायसवाल यह 3 दिसंबर को मतगणना के बाद पता चलेगा। जगदलपुर सीट पर पहले चरण में 7 नवंबर को चुनाव होना है।
क्या हैं राजनीतिक समीकरण?
जगदलपुर विधानसभा साल 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले तक आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट था। राज्य बनने के बाद यहां बीजेपी ने 3 बार जीत का परचम लहराया है। 2008 के चुनाव में जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र को सामान्य सीट किया गया। विधानसभा में निकाले गए जानकारी के मुताबिक 65% सामान्य वर्ग के लोग और 35% आदिवासियों की जनसंख्या है, जिस वजह से इसे 2008 के विधानसभा चुनाव में सामान्य सीट किया गया और कांग्रेस से रेखचंद जैन प्रत्याशी बनाये गए और BJP से संतोष बाफना चुनावी मैदान में उतरे। भाजपा प्रत्याशी संतोष बाफना ने करीब 17 हजार मतों के अंतर से कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया।
दो बार के विधायक को कांग्रेस ने हराया
2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भी जगदलपुर विधानसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर संतोष बाफना को टिकट दिया और इस बार कांग्रेस में फेरबदल करते हुए जगदलपुर विधानसभा के जमावड़ा गांव में रहने वाले श्यामू कश्यप को कांग्रेस से टिकट दिया गया। साल 2003 से 2018 तक तीन बार के चुनाव में इस सीट में BJP का ही दबदबा रहा, लेकिन 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर से भाजपा के संतोष बाफना को टिकट दिया गया और कांग्रेस से रेखचंद जैन को मौका दिया गया। इस चुनाव में रेखचंद जैन ने संतोष बाफना को भारी मतों के अंतर से हराया।
आदिवासी सीट से सुभाष ने जीता था चुनाव
जगदलपुर बीजेपी का गढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जगदलपुर विधानसभा में साल 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के विधायक डॉ. सुभाउ राम कश्यप चुने गए थे। हालांकि पहले विधायक डॉ. शुभाऊ राम कश्यप के समय में यह सीट आदिवसियों के लिए आरक्षित था। 2008 में अनारक्षित सीट होने से जगदलपुर विधानसभा में संतोष बाफना दो बार विधायक बने। वहीं 2018 में जनता ने कांग्रेस के विधायक रेखचंद जैन को चुनकर सीट पर बिठाया।
चुनावी मैदान में 9 अन्य प्रत्याशी ठोक रहे ताल
बता दें कि जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस-भाजपा के अलावा 9 अन्य प्रत्याशी किस्मत अजमा रहे हैं। आप और जेसीसीजे सहित निर्दलीय दोनों प्रमुख राजनीति दलों के प्रत्याशियों की नींद उड़ा रहे हैं। जगदलपुर विधानसभा सीट से भाजपा व कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी से नरेंद्र भवानी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी से नवनीत चांद, बहुजन समाज पार्टी से संपत कश्यप, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी से विरेंद्र वैध, आजाद जनता पार्टी से सरिता सिंह, सर्व आदि दल से डॉ. सुरेंद्र चालकी के साथ अब्दुल कय्यूम, विपिन कुमार तिवारी और सुभाष कुमार बघेल ने निर्दलीय पर्चा भरा है।