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Thursday, November 21, 2024

रायपुर सेंट्रल जेल से Video Viral: हिस्ट्रीशीटर बोला-प्रहरी मांग रहा 50 हजार, नहीं देने पर बेदम पीटा, पोल खुलने पर मचा हड़कंप

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल के अंदर कैदी की बेरहमी से पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद जेल में मैनुअल के हिसाब से काम नहीं होने की बात सुर्खियों में है। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन ने अपनी गलती छिपाने आरोपी मुकेश बनिया को आनन-फानन में दुर्ग जेल शिफ्ट कर दिया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि छत्तीसगढ़ के सबसे सुरक्षित जेल कहे जाने वाले रायपुर सेंट्रल जेल में कैदियों तक आखिर मोबाइल कैसे पहुंच रहा और कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी इसमें शामिल है। क्या जेल अब कमाई का जरिया बन चुका है।

दरअसल, रायपुर की सेंट्रल जेल में हुई मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद जेल में अवैध रूप से एंड्रॉयड फोन चलाने का बड़ा खुलासा हुआ है। वीडियो में मार खाने वाला कैदी मुकेश बनिया आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ रायपुर के कोतवाली, टिकरापारा, पुरानी बस्ती थाना इलाकों में एनडीपीएस, चाकूबाजी सहित कई गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज है। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में जेल प्रशासन का अभी तक पक्ष सामने नहीं आया है। वहीं जेल के अधिकारी मीडिया से बात करने से बच रहे हैं।

वीडियो में पिटाई और रुपये की डिमांड की बात
1 मिनट 41 सेकेंड के वीडियो में मुकेश अपने पैरों के जख्म दिखाते हुए आरोप लगा रहा है कि पेशी के दौरान एक अन्य युवक से बात की थी। इतनी सी बात पर जेल जेल के अंदर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। वह यह भी बता रहा है कि 10 माह जेल में हो गए, जब से वो जेल आया है तब से उसकी पिटाई की जा रही है। उससे 50 हजार रुपये भी मांगे जा रहे है। ये तो अच्छा हुआ कि ED मामले में बंद आरोपियों में एक के पास से मोबाइल मांग कर ये वीडियो बनाकर शेयर कर रहा हूँ… आरोपी वीडियो में मारपीट का आरोप जेल के एक कर्मचारी सोनकर का नाम ले रहा है।

जेल में रसूखदार कैदियों तक पहुंच रही सुविधा
अगर जेल में बंद आरोपी मुकेश बनिया की बातें सहीं है तो सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर जेल के अंदर स्मार्ट फोन कैसे पहुंच रहा है। जेल में कई बड़े मामलों में बंद कई रसूखदार आरोपियों द्वारा जेल कर्मियों से मिलीभगत कर अंदर एंड्रॉयड मोबाइल फोन उपयोग किए जाने का खुलासा किया है। वहीं पिछली सरकार में कोल स्कैम और शराब स्कैम में बंद आरोपियों को सुविधाएं मिलने की बातें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाईकोर्ट तक को बता चुकी है।

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