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Monday, December 2, 2024

‘आप आग से खेल रहे हो, क्या ऐसे देश का लोकतंत्र बचेगा’ पंजाब के राज्यपाल पर आखिर क्यों नाराज हुए सीजेआई?

नई दिल्ली. एजेंसी। पंजाब सरकार और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच चल रहे विशेष सत्र के विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर नाराजगी जताई और कहा कि आप आग से खेल रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा, क्या राज्यपाल को इस बात का जरा भी अंदेशा है कि वो आग से खेल रहे हैं? अगर राज्यपाल को लगता है कि बिल गलत तरीके से पास हुआ है तो उसे विधानसभा अध्यक्ष को वापस भेजना चाहिए। अगर राज्यपाल इसी तरीके से बिल को गैरकानूनी ठहराते रहे तो क्या ऐसे देश का लोकतंत्र बचेगा?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्यपाल राज्य का संवैधानिक मुखिया होता है, लेकिन पंजाब की स्थिति को देखकर लगता है कि राज्य सरकार और उनके बीच बड़ा मतभेद है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के वकील से पूछा कि आप किसी बिल को अनिश्चितकाल के लिए रोककर नहीं रख सकते। चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, आखिर संविधान में कहां लिखा है कि राज्यपाल स्पीकर द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को अवैध करार दे सकते हैं। बता दें कि पंजाब की भगवंत मान सरकार और राज्यपाल के बीच लंबे समय से टकराव हो रहे हैं।

विधानसभा का सत्र बुलाना असंभव सा हो गया
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मौजूदा राज्यपाल के रहते विधानसभा का सत्र बुलाना असंभव सा हो गया है। सिंघवी ने कहा कि बिल रोकने के बहाने राज्यपाल बदला ले रहे हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर संविधान में कहां लिखा है कि राज्यपाल स्पीकर द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को अवैध करार दे सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि मेरे सामने राज्यपाल के लिखे दो पत्र हैं, जिनमें उन्होंने पंजाब सरकार को कहा है, विधानसभा का सत्र ही वैध नहीं है इसलिए वह बिल पर अपनी मंजूरी नहीं दे सकते। राज्यपाल ने इस विवाद पर कानूनी सलाह लेने की बात कही है। इस पर केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि राज्यपाल का पत्र आखिरी फैसला नहीं हो सकता है। केंद्र सरकार इस विवाद को सुलझाने के लिए रास्ता निकाल रही है।

राज्यपाल ने विशेष सत्र को बताया असंवैधानिक
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का कहना है कि चूंकि जून महीने में बुलाया गया सत्र असंवैधानिक है, इसलिए इसमें किया गया काम भी असंवैधानिक है, जबकि दूसरी ओर पंजाब सरकार का कहना है बजट सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ है इसलिए सरकार जब चाहे फिर से सत्र बुला सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्यपाल को बिलों को समय रहते पारित करने का निर्देश दिया था। वहीं सरकार से भी पूछा कि सत्र बजट सत्र से मानसून सत्र के बीच कितने समय तक सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा सकता है।

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