रायपुर. न्यूजअप इंडिया
भूपेश सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG-PSC) की भर्ती में गड़बड़ी के लगे आरोपों की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी CBI करेगी। विष्णुदेव साय कैबिनेट ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। इस फैसले के साथ ही छत्तीसगढ़ में सीबीआई की एंट्री का रास्ता भी लगभग साफ हो गया है। पूर्व की कांग्रेस सरकार ने CBI की जांच पर बैन लगा दिया था। CGPSC फर्जीवाड़े की जांच के बहाने सीबीआई की राज्य में एंट्री होगी। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने का ऐलान किया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद अब सीबीआई की एंट्री होने वाली है। छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश के चर्चित पीएससी मामले की जांच सीबीआई करेगी। यह फैसला विष्णु देव सरकार कैबिनेट ने लिया है। पीएससी भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा है। पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी सहित IAS, IPS अफसरों और नेताओं के रिश्तेदारों को नौकरी देने का गंभीर आरोप है। यह मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है।
हाईकोर्ट में ननकीराम ने लगाई है याचिका
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की विश्वसनीयता को लेकर पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सवाल उठाया था कि ऐसा क्या संयोग है कि चेयरमैन और नेताओं की बेटी और रिश्तेदारों का चयन हो गया? इस केस में PSC और राज्य शासन को जवाब पेश करने के लिए कहा गया है। ननकीराम ने अपनी याचिका में राजभवन के सचिव अमृत खलको के बेटे और बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने, PSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्तेदारों, कांग्रेस नेता के रिश्तेदारों के सिलेक्शन पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा था कि PSC में जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने सिर्फ रेवड़ियों की तरह नौकरियां नहीं बांटी बल्कि इसकी आड़ में करोड़ों का भ्रष्टचार भी किया है। पीएससी परीक्षा 2021 घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 18 नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश दिया था। ननकीराम कंवर ने पीएससी भर्ती को लेकर सीबीआई जांच की मांग भी उठाई थी।
इन चर्चित मामलों की जांच कर चुकी CBI
बता दें कि भूपेश बघेल सरकार ने साल 2019 में सीबीआई जांच को छत्तीसगढ़ में बैन कर दिया था। 2018 तक केंद्रीय जांच एजेंसी प्रदेश के कई मामलों की जांच भी कर चुकी है। पिछले 18 सालों के दौरान सीबीआई की ओर से आधा दर्जन मामलों की जांच की गई थी, जिसमें रायपुर के रामावतार जग्गी हत्याकांड, बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक हत्याकांड, गरियाबंद जिले छुरा निवासी उमेश राजपूत की हत्या, एसईसीएल कोल घोटाला, आईएएस बीएल अग्रवाल रिश्वत कांड, भिलाई का मैगनीज कांड और पूर्व मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी कांड की जांच शामिल है।