शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश आफत बन गई। राज्य के पहाड़ी इलाकों में सफर करना खतरे से खाली नहीं है। भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं, तो वहीं दूसरी ओर बारिश और भूस्खलन से आवागमन बंद हो गया है। शिमला को चंडीगढ़ से जोड़ने वाला नेशनल हाइवे-5 बुधवार सुबह बंद हो गया है। भूस्खलन की वजह से हाईवे पर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई है। हाइवे से मलबा हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि शिमला-चड़ीगढ़ नेशनल हाइवे सोलन जिला के परवाणु में चक्की मोड़ पर भूस्खलन के कारण बंद है। भूस्खलन के साथ हाइवे का लगभग 40 मीटर हिस्सा बह गया है। भूस्खलन के दौरान हाइवे पर से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता। हाइवे से मलबा हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की है। चंडीगढ़ से शिमला की तरफ आने वाले वाहन पिंजौर से बरोटीवाला, चंडी, कुनिहार से होकर शिमला आ सकते हैं। वहीं सोलन के लिए कुनिहार, सुबाथू वाली सड़क का इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्के वाहन परवाणू से कसौली होते हुए धर्मपुर पहुंच सकते हैं।
राज्य के 76 स्थानों पर भूस्खलन की घटना
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार राज्यभर में भूस्खलन की वजह से 321 सड़कें बंद हैं। लोक निर्माण विभाग के शिमला जोन में सबसे ज्यादा 187 सड़कें बाधित हैं। जबकि मंडी जोन में 107, कांगड़ा जोन में 23 और हमीरपुर जोन में तीन सड़कों पर आवाजाही ठप है। प्रदेश में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी और अब तक राज्य के 76 स्थानों पर भूस्खलन की घटना हुई है। भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से 54 लोगों की मौत हो चुकी है।