रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने टिकट वितरण के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। इधर कांग्रेस में मंथन और मंत्रणा का दौर जारी है। प्रदेश की कुछ सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय है। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के खिलाफ पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा द्वारा मोर्चा खोलने की चर्चा सामने आ रही है। लखमा अपने बेटे को बस्तर सीट से लोकसभा टिकट दिलाने समर्थकों के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं।
राजनीतिक सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी आलाकमान के सामने ही बैज को टिकट नहीं दिए जाने की मांग कवासी लखमा ने की है। दरसअल, पीसीसी चीफ दीपक बैज बस्तर से सांसद हैं। अभी दीपक बैज के साथ कवासी लखमा और हरीश लखमा का नाम लोकसभा टिकट के लिए सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि कवासी लखमा और समर्थकों की भरपूर इच्छा और कोशिश है कि टिकट हरीश लखमा को ही मिले।
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के साथ विक्रम मांडवी, मिथलेश स्वर्णकार,राजीव शर्मा, संतराम नेताम, राजमन बेंजाम समेत कुछ जिला अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य समेत 25 लोग दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने हाईकमान से कवासी लखमा या फिर उनके सुपुत्र बेटे हरीश लखमा को टिकट देने की मांग की है।
बता दें कि 4 मार्च की रात को दिल्ली में प्रत्याशियों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक रखी गई थी। बैठक में कई नामों को लेकर चर्चा हुई है। इसी के बाद छत्तीसगढ़ से गए नेताओं ने हाईकमान से मिलकर अपनी बात रखी और दीपक बैज को टिकट नहीं दिए जाने की बात कही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विधानसभा चुनाव में दीपक बैज को हार मिली है और फिर टिकट देने से पार्टी की जीत पर असर पड़ेगा।
कांग्रेस नेता हरीश लखमा ने मीडिया को बताया कि वे तमाम सीनियर नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हैं। ये पूरी तरह से सामान्य मुलाकात है। हम चाहते हैं कि पार्टी इस बार हमें मौका दे। किसी भी नेता का विरोध नहीं है। हम अपनी बात रखेंगे। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो दीपक बैज ने खुद भी इस बार बस्तर से चुनाव लड़ने के लिए कोई खास रुचि नहीं दिखाई है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि यहां से लखमा परिवार से किसी एक को टिकट देकर मैदान में उतारा जा सकता है। ऐसी संभावना है कि प्रत्याशियों को लेकर जल्द ही कांग्रेस भी अपने पत्ते खोलेगी।