Dada Saheb Phalke Award: इस साल दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड मिथुन चक्रवर्ती को दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार (30 सितंबर) को यह घोषणा की। मिथुन दा को 8 अक्टूबर को 70वीं नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में सम्मानित किया जाएगा। मिथुन करीब 5 दशक के करियर में बांग्ला, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, ओडिया और भोजपुरी की 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। मिथुन की साल 1989 में 19 फिल्में रिलीज हुई थीं, जिनमें वो बतौर लीड एक्टर नजर आए थे। यह लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। अब करीब 35 साल बाद भी कोई उनका रिकॉर्ड तोड़ नहीं पाया है।
मिथुन ने अपना फिल्मी करियर 1976 में मृगया से शुरू किया था। उन्होंने पहली ही फिल्म में नेशनल अवॉर्ड जीता था। 1982 में आई डिस्को डांसर से उन्हें पहचान मिली। वे अब तक 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्हें 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। उन्हें जनवरी 2024 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। मिथुन ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखी और फिर काम की तलाश में मुंबई आ पहुंचे। कई दिन उन्होंने भूखे पेट रातें गुजारीं। कई महीनों की कड़ी मेहनत और इंतजार के बाद इन्हें हेलन का असिस्टेंट बनने का मौका मिला। हेलन के असिस्टेंट बनकर पीछे घूमने वाले मिथुन को देखकर कुछ फिल्ममेकर्स ने उन्हें छोटे-मोटे फिलर के रोल भी दिए। मिथुन को अमिताभ बच्चन की फिल्म दो अनजाने में छोटा सा रोल मिला। इस दौरान मिथुन को बॉडी डबल बनाकर भी फिल्मों में लिया गया।
मृणाल सेन की नजर पड़ी तब हीरो बनाया
पुणे में मशहूर फिल्ममेकर मृणाल सेन की नजर मिथुन पर पड़ी। उस दिन मिथुन कॉलेज की कुछ लड़कियों से बेफिक्री से फ्लर्ट कर रहे थे। मिथुन का अंदाज देखकर मृणाल इतने इंप्रेस हुए कि उन्होंने अपनी फिल्म मृगया ऑफर कर दी। मिथुन ने 1976 में आई इस आर्ट फिल्म से बतौर हीरो करियर की शुरुआत की थी। इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। मृगया में शानदार अभिनय के लिए मिथुन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया, लेकिन दिल्ली जाकर अवॉर्ड लेने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। तब रेखा उन्हें अपना स्पॉटबॉय बनाकर ले गई थीं।
फिल्म ‘सुरक्षा’ ने मिथुन को सुपरस्टार बनाया
स्ट्रगल के दौरान ऐसा कई बार हुआ, जब मिथुन ने भूखे पेट रातें गुजारीं। पहली फिल्म ‘मृगया’ के बाद भी उन्हें स्ट्रगल करना पड़ा। नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद जब एक पत्रकार उनका इंटरव्यू लेने पहुंचा तो भूख के मारे आवाज नहीं निकल रही थी। उन्होंने पत्रकार से कहा कि पहले खाना खिलाओ फिर इंटरव्यू देंगे। मृगया के बाद मिथुन ने ‘दो अनजाने’ जैसी फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाईं। 1979 में रिलीज फिल्म ‘सुरक्षा’ ने मिथुन को सुपरस्टार बना दिया। इस फिल्म के बाद जाने-माने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर की लाइन लग गई, लेकिन उस दौर की स्थापित अभिनेत्रियां मिथुन के सांवले रंग की वजह से उनके साथ काम नहीं करना चाहती थीं।
डिस्को डांसर फिल्म से मिथुन को मिली पहचान
मिथुन के फिल्मी करियर में सुनहरा समय 1982 में आई फिल्म डिस्को डांसर से मिला। यह हिंदी सिनेमा की 100 करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म थी। हालांकि इसका कलेक्शन भारत से ज्यादा सोवियत यूनियन से हुआ था। मिथुन एक नॉन डांसर थे, लेकिन जब इन्होंने फिल्म की जरुरत के मुताबिक डांस किया तो उनके स्टेप्स देशभर में फेमस हो गए। 80-90 के दशक के बीच मिथुन भारत के हाईएस्ट पेड एक्टर्स में से एक रहे हैं। मिथुन चक्रवर्ती की आखिरी रिलीज हुई हिंदी फिल्म साल 2022 की द कश्मीर फाइल्स थी। इसके अलावा वे बंगाली फिल्म प्रजापति और काबुलीवाला में भी नजर आए।