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Saturday, April 19, 2025

सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचारः SDO और डिप्टी इंजीनियर सस्पेंड, प्रभारी EE से PWD ने मांगा जवाब, दोषियों के खिलाफ FIR के निर्देश, मोवा ओवरिब्रज मामले में भी 5 अफसर निलंबित…

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर के नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने पर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने अपने साथियों के साथ मिलकर पत्रकार मुकेश की हत्या कर दी थी। सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए SDO आरके सिन्हा और डिप्टी इंजीनियर जीएस कोड़ोपी को निलंबित कर दिया है। वहीं प्रभारी EE बीएल ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है। राज्य शासन ने संबंधित अफसरों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR कराने के निर्देश भी दिए हैं।

बता दें कि बीजापुर जिले के नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार किया गया था। बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने इसकी खबर को प्रमुखता से टीवी चैनल और यूट्यूब पर प्रसारित किया था। भ्रष्टाचार को उजागर करने पर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की ठेकेदार सुरेंश चंद्राकर ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी और लाश को सैप्टिक टैंक में छिपा दिया था। बिना काम के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को 90 प्रतिशत भुगतान भी कर दिया गया था। इसे लेकर अफसर भी सवालों के घेरे में थे। हत्याकांड के बाद सड़क की तीन बार जांच हुई, जिसमें भारी गड़बड़ी पाई गई है। रिपोर्ट के आधार पर अफसरों के निलंबन और एफआईआर की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

अफसरों से सांठगांठ कर 90 प्रतिशत भुगतान
पत्रकार मुकेश की हत्या सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार उजागर करने के कारण ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके ने किया था। नए साल के पहले दिन मुकेश चंद्राकर गायब हुआ था और तीन जनवरी को उसकी लाश मिली थी। आरोपियों ने मुकेश को मारकर लाश सेप्टिक टैंक में डाल दिया था और उसे सीमेंट प्लस्टर से ढंक दिया था। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की विभागीय साठगांठ ऐसी थी कि अभी इस सड़क में मात्र 2 पार्ट मतलब 4 किलोमीटर की सड़क का काम पूरा हुआ है और शेष 28 किलोमीटर की सड़क अधूरी है। ठेकेदार ने सांठगांठ कर 90 प्रतिशत राशि यानि 116 करोड़ रुपये अनुबंध राशि से आहरण कर लिया था।

मोवा ओवरब्रिज में गडबड़ीः 5 अधिकारी निलंबित
लोक निर्माण विभाग ने रायपुर के मोवा रेलवे ओवरब्रिज की मरम्मत में गुणवत्ताहीन कार्य तथा अनियमितता पर भी बड़ी कार्रवाई की है। जांच के बाद विभाग ने 5 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। स्तरहीन निर्माण की शिकायत के बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव कार्य का निरीक्षण किया था। अमानक स्तर एवं गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किए बिना ही डामरीकरण का कार्य कराया जा रहा था। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्यपालन अभियंता विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी रोशन कुमार साहू तथा उप अभियंता राजीव मिश्रा, देवव्रत यमराज और तन्मय गुप्ता को निलंबित किया है। निलंबन अवधि में इन सभी का मुख्यालय नवा रायपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस किया जारी
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने मोवा ओवरब्रिज के गुणवत्ताहीन कार्य के लिए ठेकेदार केशवदास आर. जादवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने ठेकेदार को जारी नोटिस में कहा है कि ओवरब्रिज में डामरीकरण के बाद यातायात प्रारंभ होने पर गिट्टी निकलने लगी जिससे कार्य की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इसमें ठेकेदार की लापरवाही स्पष्ट परिलक्षित होती है। इसके लिए मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, सेतु परिक्षेत्र रायपुर द्वारा ठेकेदार के पंजीयन को निलंबित/पदावनत करने की अनुशंसा की गई है। ठेकेदार को कारण बताओ सूचना का जवाब 15 दिन के अंदर प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रस्तुत करने कहा गया है।

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