BHILAI. newsupindia.com छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई जारी है। ED के अधिकारी 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में भूपेश बघेल, चैतन्य बघेल सहित 14 जगहों पर जांच कर रहे हैं। 11 घंटे की पूछताछ और जांच के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल बाहर आए और मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान 18 लाख प्रधानमंत्री आवास को लेकर सवाल दागा, इसलिए ED की टीम आ गई। पहले आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सवाल किया था, इसलिए पहले उनके घर ईडी गई और गिरफ्तार किया। अब मेरे घर आई है।
पूर्व CM भूपेश बघेल कहा ने कहा कि ईडी वाले आज सुबह यह हमारे घर आए। मैं सोकर उठा और चाय की चुस्की के साथ पेपर पढ़ रहा था। तब ED वाले आए, मैंने उनसे कहा- मैं तो 2-3 साल से इंतजार कर रहा था। आप आ ही गए तो स्वागत है आपका…, चाय पीजिए। मैंने पूछा कि आपके पास सर्च वारंट कहां है। बिना सर्च वारंट के मेरे यहां कैसे घुसे? तो वह लोग बोले कि लेकर आते हैं।’ ईडी के अफसर अहूजा से जांच के लेकर बात हुई, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं दिए। ईडी के अफसर मंतूराम और पुनीत गुप्ता के बीच 15 करोड़ रुपये लेन-देन की बात का पेन ड्राइव, अभिषाक सिंह के शैल शेयर और करोड़ों की कमाई के दस्तावेज, सीएम मैडम वाला फाइल… मंतू पवार वाली फाइल देखकर दंग रह गए। कुछ फाइल लेकर गए हैं… कुछ छोड़ कर गए हैं।
मशीन की क्या जरूरत थी…
भूपेश बघेल ने कहा कि मेरे घर से सोना-चांदी मिला है। इसके साथ ही पत्नी और बहू से अलग-अलग करके 33 लाख रुपये मिले हैं, जिन्हें गिनने के लिए नोट मशीन मंगाई गई। मैंने उन्हें कहा कि मेरी बहू बैंक में नौकरी करती है। इतने पैसे तो ऐसे ही गिन देते…. नोट मशीन की क्या जरूरत थी। भूपेश बघेल ने कहा कि मुझे विधानसभा जाने नहीं दिया… मोबाइल जब्त कर लिया…। मुझे बदनाम करने और फंसाने की नियत से ईडी का छापा पड़ा है। भूपेश बघेल ने ईडी की इस कार्रवाई के दौरान साथ खड़ा होने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन के नेताओं का आभार भी जताया।
विधानसभा में सवाल पूछा था…
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘यह सब एक षड्यंत्र का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस के नेताओं को परेशान करना, प्रताड़ित करना और बदनाम करना शामिल है। उसी कड़ी में आज ईडी की टीम हमारे घर आए और सुबह से आ गए। मैंने विधानसभा में डिप्टी सीएम विजय शर्मा से सवाल पूछा तो हमारे यहां आ गए। इससे पहले पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने डिप्टी सीएम अरुण साव से सड़क निर्माण को लेकर सवाल पूछा तो उनके खिलाफ एक्शन लिया। विधानसभा सत्र के 8 दिन बाद उनके घर ईडी पहुंची और उन्हें जेल में बंद कर दिया…।