राजनांदगांव. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय होने के बाद नक्सलियों पर फोर्स का एक्शन लगातार जारी है। नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव जिले की सीमावर्ती इलाके में बड़ा ऑपरेशन जारी है, जहां 26 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। वहीं छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे पूर्वी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस ने 5 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन महिला और दो नाबालिग नक्सली हैं। गिरफ्तार नक्सलियों पर कुल 36 लाख रुपये का इनाम घोषित है। गिरफ्तार सभी नक्सली छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं और एमएमसी (महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़) जोन में सक्रिय थे।
गढ़चिरौली पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने बताया कि जिला पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि 50 से 60 नक्सली भामरागढ़ क्षेत्र के बिनगुंडा मौजा में पुलिसकर्मियों पर हमला करने की साजिश रचने एकत्रित हुए हैं। रविवार को जिला पुलिस की विशेष नक्सल रोधी इकाई सी-60 कमांडो के 7 दस्ते और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 37वीं बटालियन के एक दस्ते को इलाके में भेजा गया। सी-60 कमांडो ने बिनगुंडा गांव की घेराबंदी की और हथियारों के साथ पांच नक्सलियों को हिरासत में लिया। पूछताछ करने पर नक्सलियों ने फोर्स को नुकसान पहुंचाने बैठक करने की जानकारी दी।
एसपी नीलोत्पल ने कहा कि नक्सल रोधी अभियान को और तेज किया जाएगा। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे एमएमसी जोन में फोर्स की टीमें सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे हैं। गिरफ्तार की गई तीन महिलाओं में उंगी होयम (27 वर्ष) माओवादियों की ‘प्लाटून 32’ की डिवीजनल कमेटी की सदस्य थी और उस पर 16 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस के अनुसार पल्लवी मिडयाम (19 वर्ष) ‘प्लाटून पार्टी कमेटी’ सदस्य के रूप में काम कर रही थी और उस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित है। देवे पोडियाम (19 वर्ष) पर 4 लाख रुपये का इनाम महाराष्ट्र सरकार ने घोषित कर रखा है। तीनों नक्सली छत्तीसगढ़ के निवासी हैं।
पुलिस के मुताबिक अन्य दो नक्सली एक पुरुष और एक महिला हैं और दोनों के नाबालिग होने का संदेह है। उन पर कुल 8 लाख रुपये का इनाम है। उन्हें हिरासत में लिया गया है और किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा। इन नक्सलियों के पास से एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर), 303 राइफल, तीन सिंगल शॉट राइफल, दो भरमार बंदूकें, तीन वॉकी-टॉकी सेट और अन्य सामान जब्त किया गया। पुलिस के मुताबिक लगातार ज्वाइंट ऑपरेशन से नक्सलियों में दहशत है और सुरक्षित ठिकानों ढूंढने के लिए नक्सली एक राज्य से दूसरे राज्य भाग रहे हैं।