रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो ने तीन रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। दो पुलिस विभाग से संबंधित है, जबकि एक राजस्व विभाग का रेवेन्यू इंपेक्टर है। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में एसीबी की अब तक की कार्रवाई में सबसे ज्यादा राजस्व विभाग के कर्मचारी गिरफ्तार किए गए हैं। सीमांकन, ऋण पुस्तिका और दस्तावेजों में सुधार के ज्यादा मामले हैं।
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने हवलदार और आरक्षक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। प्रार्थी महेन्द्र साहू निवासी ग्राम गिरसा थाना-सरसींवा, जिला सारंगढ़ द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि उसके और उसके पिता के मध्य विवाद हुआ था, जिसकी शिकायत उसके पिता ने थाना-सरसीवां में की थी। शिकायत के निपटारे के लिए हवलदार सुमत डहरिया और आरक्षक कमल किशोर 18 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। 1500 रुपये पेटीएम और 5000 रुपये नकद तत्काल उससे ले लिया गया। बची हुई रकम की मांग बार-बार उससे की जा रही थी।
10 हजार रिश्वत के साथ पकड़ाया हवलदार
प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि उन दोनों को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। प्रार्थी ने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत कर दी। शिकायत सत्यापन के बाद शुक्रवार को एसीबी बिलासपुर द्वारा ट्रेप आयोजित कर बची हुई रकम 10 हजार रुपये लेते हुए आरोपी सुमत डहरिया और कमल किशोर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके विरूद्ध धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है।
30 हजार रिश्वत के साथ RI भी चढ़ा हत्थे
सक्ती जिले के हसौद तहसील में पदस्थ राजस्व निरीक्षक बद्रीनारायण को 30 हजार रुपये रिश्वत लेते एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। प्रार्थी ग्राम भातमाहूल निवासी भरतलाल ने अपनी भूमि के सीमांकन के लिए न्यायालय तहसीलदार द्वारा दिए गए आदेश के बाद निरीक्षक से संपर्क किया था। निरीक्षक ने सीमांकन कार्य के लिए एक लाख रुपये रिश्वत की डिमांड की थी। शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी बिलासपुर ने ट्रैप बिछाया और पहली किस्त के रूप में 30 हजार रुपये लेते हुए आरोपी राजस्व निरीक्षक बद्रीनारायण को गिरफ्तार किया गया है।