रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायक, पूर्व विधायकों सहित 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ 17 जनवरी को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में नामदज FIR दर्ज कराई है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब विधानसभा चुनाव हुए थे तब भी ED-IT की टीम सक्रिय थी। अब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं तो फिर से सक्रिय है। लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की एजेंसी ED फिर षडयंत्र कर रही। इधर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि ED एक स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी है और वह जांच कर रही है।
कोयला और शराब घोटाले में ईडी द्वारा एसीबी में एफआईआर कराने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 3 साल से ईडी और आईटी जांच कर रही है। अब एसीबी को कहा गया कि एफआईआर करें। जब ईडी और आईटी जांच कर रही थी, तब ना यूडी मिंज का नाम था, ना अमरजीत भगत का नाम था। आज अचानक एसीबी ने केस रजिस्टर करते हुए सभी नेताओं का नाम लिख दिया। साय सरकार प्रदेश के नेताओं को बदनाम करने का षड्यंत्र कर रही है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि यूडी मिंज का दोष इतना था कि वह विष्णुदेव साय के खिलाफ चुनाव लड़े थे। उन्होंने कहा कि एसीबी जांच का आदेश मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर से होता है। मुख्यमंत्री काफी छोटी सोच के व्यक्ति हैं। यह सब लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।
‘ED एक स्वतंत्र केंद्रीय जांच एजेंसी’
इधर शराब और कोयला घोटाले में ED द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो में FIR पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं हो रहा है। ED एक स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी है और वह जांच कर रही है। जगदलपुर में ध्वजारोहण के बाद साय ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा ईडी अपना काम कर रही है। मोदी की गारंटी में घोटालों की जांच की बात कही गई है। अगर गलत नहीं किया है तो फिर डर क्यों…? वहीं नक्सलवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार है। विकास के साथ-साथ नक्सलवाद को खत्म करने काम किया जा रहा है। बुलडोजर कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि अवैध रूप से काबिज लोगों को हटाना जरूरी है। सरकारी भूमि को खाली करवा रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में ऐसी भी चर्चा
बता दें कि ED ने शराब और कोयला घोटाले मामले में रायपुर के एंटी करप्शन ब्यूरो में FIR दर्ज कराई है। ईडी की ओर से दर्ज केस में शराब घोटाले में 35 और कोयला घोटाले में 70 से ज्यादा नामजद आरोपी बनाए गए हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। भाजपा शासनकाल में हुई FIR को कांग्रेस के नेता बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि पूर्व सरकार के दौरान आयकर विभाग ने कुछ अफसरों के नाम छत्तीसगढ़ शासन को दिए थे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद इस पर एक्शन लिया गया है। ऐसी चर्चा है कि FIR से पहले 15 जनवरी को एसीबी के वरिष्ठ अधिकारी को सीएम निवास में तलब किया गया था। इस अफसर को कांग्रेस शासनकाल में पद से हटाया गया था।